पूरी दुनिया में गेमिंग का विकास बहुत तेज़ी से हुआ है। एचपी गेमिंग लैंडस्केप रिपोर्ट 2021 से यह खुलासा हुआ है कि भारत में गेमिंग में हो रहे तेज़ विकास के पीछे पीसी की प्रमुख भूमिका है। भारत में तेजी से बढ़ रहे गेमिंग उद्योग का मूल्य $930 मिलियन आंका गया है, जो कि दुनिया में अव्वल है।
गेमिंग को लेकर उत्तर भारत में दिखाई दे रहे प्रमुख रुझान के अनुसार महिलाये करियर विकल्प के रूप में गेमिंग को अपना रही है। उत्तर भारत में, महिला गेमर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है और कुल महिला प्रतिभागियों में से 83% ने गेमिंग को कॅरियर के विकल्प के तौर पर अपनाने की इच्छा जताई, जबकि पुरुषों में 80% ने ऐसी इच्छा जाहिर की। उत्तर भारत के टियर 2 शहरों जैसे जयपुर (85%), चंडीगढ़ (83%) और लुधियाना (83%) में गेमर्स ने गेमिंग को कॅरियर विकल्प के रूप में अपनाने की ज़्यादा इच्छा जताई है।
एचपी इंडिया के पर्सनल सिस्टम्स (ग्राहक) के प्रमुख, नितिश सिंघल ने कहा, “पिछले 18 महीनों के दौरान गेमिंग की बढ़ती लोकप्रियता के आधार पर हम कह सकते हैं कि भारत में गेमिंग में बड़े पैमाने पर वृद्धि होने वाली है। महिलाओं में गेमिंग के प्रति बढ़ते उत्साह को देखकर भारत में गेमिंग का भविष्य आशाजनक दिखाई देता है। आज महिलाएं अपने पेशेवर, मनोरंजन और सामाजिकता से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं और गेमिंग के प्रति बढ़ते
उत्साह से उनकी बढ़ती वित्तीय और सामाजिक स्वतंत्रता का पता चलता है। आज गेमिंग शौक से आगे बढ़कर करियर के आकर्षक विकल्प और तनाव से राहत पाने के साधन के तौर पर उभरा है। पीसी सेगमेंट में एचपी के लगातार विकास में गेमिंग की अहम भूमिका रहेगी। भारत के शीर्ष पीसी ब्रैंड के रूप में हमारे सामने असीम संभावनाएं हैं और हमें इन संभावनाओं को हाथ से नहीं जाने देना है।”
रिपोर्ट से उत्तर भारत में पीसी की खरीद से जुड़े प्रमुख रुझानों का पता चला। 10 में से 6 यानी करीब (67%) ग्राहक 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये के बीच का गेमिंस पीसी खरीदना चाहते हैं। 1 लाख से ज़्यादा का पीसी खरीदने के मामले में महिलाएं (43%) पुरुषों (40%) से आगे हैं। दिल्ली के गेमर्स की तुलना में जयपुर (36%), चंडीगढ़ (34%) और लुधियाना (33%) जैसे टियर 2 शहरों के गेमर्स ज़्यादा पैसा खर्च करने को तैयार हैं।
स्वास्थ्य, कॉग्निटिव डेवलपमेंट और सामाजिक क्षमताओं पर गेमिंग का सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत में 91% प्रतिभागियों ने बताया कि उन्हें गेमिंग से काम / पढ़ाई के तनाव को कम करने में मदद मिली और उनमें सकारात्मक भावना आई।
उत्तर भारत के रुझानों से यह भी पता चलता है कि महिलाएं गेमिंग को तनाव दूर करने का महत्वपूर्ण साधन मानती हैं। पुरुष प्रतिभागियों (88%) की तुलना में 96% महिला प्रतिभागी गेमिंग को आराम और मनोरंजन का सबसे बढ़िया साधन मानती हैं। इसके साथ ही 95% महिला प्रतिभागियों का मानना है कि गेमिंग से काम/ पढ़ाई के दबाव को कम करने में मदद मिलती है, जबकि पुरुष प्रतिभागियों में 90% ने ही ऐसा माना।
सर्वेक्षण से पता चला कि दिल्ली की तुलना में चंडीगढ़ और लखनऊ में रहने वाले लोग तनाव दूर करने के मामले में गेमिंग को बेहतर मानते हैं। गेमिंग को सामाजिक मेलजोल बढ़ाने और नई दोस्ती करने का साधन भी माना जाता है और सोशल डिस्टेंसिंग के वर्तमान दौर में यह ज़्यादा उपयोगी साबित हो रहा है। उत्तर भारत में 96% महिलाएं गेमिंग को सामाजिक मेलजोल बढ़ाने के साधन के तौर पर देखती हैं, जबकि ऐसा मानने वाले पुरुषों की संख्या 92% है। सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि क्यों चंडीगढ़ (96%), जयपुर (96%) और लुधियाना (92%) के लोग गेमिंग को सामाजिक मेलजोल बढ़ाने के साधन के तौर पर ज्यादा स्वीकार कर रहे हैं।
एचपी गेमिंग लैंडस्केप रिपोर्ट 2021 से पता चलता है कि उत्तर भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं गेमिंग को ज्यादा पसंद कर रही हैं। महिलाएं न केवल गेमिंग को करियर के बेहतर विकल्प के तौर पर देख रही हैं, बल्कि वे गेमिंग पीसी खरीदने के लिए ज़्यादा पैसे खर्च करने को भी तैयार हैं।
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