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आश्रय ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए 100 शांति झा जूनियर फैलोशिप की घोषणा की

आश्रय फाउण्डेशन, द झा ग्रुप और सेन्टर फॉर इनोवेशन एण्ड सोशल एंटरप्रेन्योरशिप ऑफ दिल्ली यूनिवर्सिटी (सीआईएसई) के सहयोग से, दिल्ली के 100 छात्रों के लिए ‘शांति झा सीआईएसई जूनियर फेलोशिप इन इनोवेशन एण्ड एंटरप्रेन्योरशिप शुरू करने की घोषणा की है।

सेन्टर फॉर इनोवेशन एण्ड सोशल एंटरप्राइज (सीआईएसई), ने मार्च 2020 में केएमसी किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधीन स्थापित किया गया था, जिसका मकसद इनोवशन की प्रक्रिया में संलग्न होना, रचनात्मक विचारों को बढ़ावा देना और सामाजिक परिवर्तन के लिए स्थायी रणनीति बनाना था।

फैलोशिप की घोषणा एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) आश्रय के अध्यक्ष सतीश झा ने की थी, यह एनजीओ विगत दस वर्षों से भारत के ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में शैक्षिक सुधार लाने के लिए लगातार काम कर रहा है, इस अवसर पर सीआईएसई के संस्थापक और संयोजक प्रो. रूपिंदर ओबेरॉय और दिल्ली के केएमसी
विश्वविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश खट्टर भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

आयोजित की जाने वाली जूनियर फैलोशिप के लिए चयन, 50 पुरुष और 50 महिला छात्रों का चयन उद्यमियों की एक टीम द्वारा किया जाएगा, जो इन प्रतिभागियों के वैश्विक मानक के बैंचमार्क का मापदण्ड तय करेंगे वैश्विक मानकों के लिए बेंचमार्क जूरी द्वारा अपनाए जाते हैं। यह कार्यक्रम अनुदान से 12 महीने तक सीमित
रहेगा और मानदेय प्रति फेलो 1 लाख रुपए से अधिक नहीं होगा और एक एंटरप्राइजिंग प्रोजेक्ट के लिए उपयोग करने के लिए उपलब्ध होगा। सरकारी कार्यक्रमों अलग हट कर, यह स्वतंत्रता के बाद से किसी गैर सरकारी संगठन या किसी व्यक्ति द्वारा की गई सबसे बड़े इनिशिएटिव्स में से एक है।

शांति झा सीआईएसई जूनियर फैलोशिप के शुभारंभ की घोषणा करते हुए आश्रय के अध्यक्ष सतीश झा ने कहा, भारत में वर्तमान समय में भारी पैमाने पर उद्यमिता की मांग है। हमें एक साल में दस लाख उद्यम शुरू करने के लिए काम करना चाहिए। इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप की संस्कृति बनाकर ही इसमें मदद मिल सकती है। यह तो बस एक छोटी सी शुरुआत है और इसे लेकर आश्रय को काफी आनन्द की अनुभूति हो रही है।

के एमसी के प्रिंसिपल प्रो. दिनेश खट्टर, ने कहा, दिल्ली यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर इनोवेशन एण्ड सोशल एंटरप्राइज उन छात्रों पर केंद्रित है जिनके पास विचार और झुकाव है लेकिन अवसरों और संसाधनों की कमी है। मैं इस कार्यक्रम के लिए आश्रय फाउण्डेशन का बहुत आभारी हूं जो हमारे छात्रों के लिए ठोस प्रभाव में परिवर्तित होगा।

सीआईएसई, केएमसी के संस्थापक और संयोजक प्रो. रूपिंदर ओबेरॉय, ने कहा, शांति झा जूनियर फेलोशिप छात्रों को उनके स्टार्ट अप विचारों पर काम करने, रियल लीडरशिप का अभ्यास करने, कार्य अनुभव हासिल करने और पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। फेलोशिप एक उद्यमशील परियोजना को संभालने में मदद करेगी, जिसे आश्रय फाउण्डेशन और झा समूह के सहयोग से सीआईएसई द्वारा सलाह दी जाएगी। यह निश्चित रूप से छात्रों को इस नए क्षेत्र में एक सकारात्मक दृष्टिकोण और कैरियर की महत्वाकांक्षाओं को संलग्न करने और विकसित करने में सहायता करेगा और दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों को कई संभावनाएं प्रदान करेगा।

झा समूह का नेतृत्व शुरुआती चरण के निवेशक और सामाजिक उद्यमी सतीश झा कर रहे हैं, जो द टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के पूर्व सम्पादक और इण्डियन एक्सप्रेस के राष्ट्रीय हिंन्दी दैनिक जनसत्ता के सह संस्थापक भी हैं।

सतीश झा ने महाराष्ट्र, दिल्ली, जम्मू, राजस्थान, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश में 9000 छात्रों के लिए 80,000 रुपए प्रति छात्र की लागत से 5 वर्षों से भी अधिक समय छात्रों के लिए डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम प्रोग्राम को विकसित करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बीएमसी, मुम्बई के 1146 नगरपालिका स्कूलों में डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम को अपनाने और तैनात करने के लिए आश्रय का भी सपोर्ट किया है।