पेप्सिको इंडिया तथा एन-ड्रिप जो कि एक नवोन्मेषी ग्रेविटी-संचालित माइक्रो-इरीगेशन सिस्टम के निर्माता हैं, ने विश्व जल दिवस 2022 के अवसर पर भागीदारी की घोषणा की है जिसके चलते ये कंपनियां भारत में किसानों को पानी के कुशल प्रयोग को बढ़ावा देने वाली गेम-चेंजिंग टैक्नोलॉजी अपनाने में मददगार साबित होंगी। यह टैक्नोलॉजी पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पहले ही पेश की जा चुकी है और इसका मकसद देश में 2025 तक हज़ारों हेक्टेयर क्षेत्र में पानी के कुशल प्रयोग को बढ़ावा देना है। यह पेप्सिको तथा एन-ड्रिप के बीच वैश्विक स्तर पर की गई भागीदारी का हिस्सा है जो दुनियाभर में 2025 तक करीब 10,000 हेक्टेयर (25,000 एकड़) क्षेत्रफल में पानी के कुशल प्रयोग को बढ़ावा देगी।
दुनियाभर में, बहुत से किसान अपनी फसलों को पानी देने के लिए फ्लड (बाढ़), या ट्रैंच, सिंचाई आदि का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनके खेतों में नियमित अंतराल पर बाढ़ की स्थिति बन जाती है और करीब 70 फीसदी पानी का नुकसान होता है। यह तकनीक दुनियाभर में सिंचित करीब 85 फीसदी खेतों यानी लगभग 600 मिलियन एकड़ क्षेत्रफल में और यहां तक कि पानी की कमी से जूझ रहे स्थानों पर भी इस्तेमाल होती है। लेकिन बहुत से किसानों के लिए बाढ़ सिंचाई काफी मंहगी होती है और इसकी वजह से किसान अपनी कम मार्जिन वाली फसलों को मुनाफे पर नहीं बेच पाते।
बाढ़ या ट्रैंच सिंचाई के स्थान पर एन-ड्रिप (N-Drip) (मुख्यालय इस्राइल) काफी कुशल सिंचाई प्रणाली है जिसमें गुरुत्वाकर्षण की मदद ली जाती है और यह उच्च दाब वाली ड्रिप सिंचाई व्यवस्था से मिलने वाले पानी की बचत के लाभ भी दिलाती है। साथ ही, कम ऊर्जा, परिचालन और रखरखाव जैसी मांगों के चलते सभी श्रेणियों के किसानें और लगभग हर तरह की फसलों के मामले में उपयोगी साबित होती है। एन-ड्रिप का इस्तेमाल करने वाले किसान नियमित रूप से पानी की बचत करने, अधिक उपज प्राप्त करने और मंहगे उर्वरकों की जरूरतों को घटाने में कामयाब रहते हैं। बाढ़ सिंचाई को एन-ड्रिप सिंचाई प्रणाली में बदलने पर कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर में भी 83 फीसदी तक और मीथेन उत्सर्जन में करीब 78 फीसदी तक कमी आती है।
इस के बारे में, एरान पोलक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एन-ड्रिप ने कहा, ”हम इस टैक्नोलॉजी को अपनाने की राह में पेश आने वाली अड़चनों को दूर करने और एन-ड्रिप टैक्नोलॉजी को भारत के किसानों के लिए पेश करने के लिए पेप्सिको के साथ भागीदारी को लेकर बेहद रोमांचित हैं। चूंकि पेप्सिको हर प्रकार और आकार के खेतों के फसलें खरीदती है, ऐसे में एन-ड्रिप की प्रापरायटरी टैक्नोलॉजी हमारी इस भागीदारी के चलते सभी प्रकार के किसानों के लिए, जिनमें विशाल खेतों से लेकर एक एकड़ क्षेत्रफल वाले भूखंड शामिल हैं, समुचित सिंचाई व्यवस्था को सुगम बनाती है।”
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