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सोने की स्थिर मांग बनाए रखने के लिए उपभोक्ता खरीदार और संस्थागत विक्रेता उठा रहे कदम

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की नवीनतम गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 की दूसरी तिमाही के दौरान सोने में उपभोक्ताओं का निवेश बढ़ा है लेकिन कुछ निवेशक अब भी इसे लेकर बहुत उत्साहित नहीं हैं। दोनों पक्षों की मदद से इस तिमाही के दौरान 955.1 टन सोने की मांग बनाने में मदद मिली जो 2021 की पहली तिमाही के मुकाबले 9% अधिक है और यह पिछले साल की समान अवधि (960.5 टन) के अनुकूल है।

अप्रैल से जून के दौरान उपभोक्ता द्वारा सोने की खरीदारी करने के अधिकतर पारंपरिक संकेतक सकारात्मक रहे। खुदरा निवेशकों* ने फिज़िकल गोल्ड प्रोडक्ट्स की श्रेणी बारसैंड कॉइन्स की खूब खरीदारी की और लगातार चौथी तिमाही के दौरान इसकी खरीदारी में बढ़ोतरी रही और समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 243.8 टन से अधिक सिक्कों की खरीद हुई।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सीनियर मार्केट्स एनालिस्ट लुईस स्ट्रीट ने बताया, ”वैश्विक आर्थिक रिकवरी होने के साथ ही हम उपभोक्ताओं की ओर से मांग बढ़ने को लेकर आश्वस्त हैं। हमें आभूषणों में हर साल उपभोक्ताओं की ओर से आ रही मांग में मज़बूत तेज़ी देखने को मिल रही है।”

उन्होंने कहा, ”लेकिन निवेश एक अधिक जटिल परिस्थिति है। व्यक्तिगत व संस्थागत खरीदारों की ओर से रणनीतिक खरीदारी के प्रमाण मौजूद होने के बावजूद साल की पहली छमाही के दौरान सुनियोजित निवेशकों का इस पर अधिक मिश्रित प्रभाव रहा है। यह आंशिक रूप से गोल्ड ईटीएफ में देखने को मिला जहां दूसरी तिमाही में आवक से पिछली तिमाही की बिकवाली का प्रभाव थोड़ा ही कम हुआ।”

जहां उपभोक्ता व खुदरा निवेशक दोबारा खरीदारी कर रहे थे वहीं, संस्थागत निवेशकों का व्यवहार कम अनुकूल था। दूसरी तिमाही के दौरान एक्सचेंज ट्रेंडेड फंड्स (ईटीएफ) में शुद्ध 40.7 टन सोने की आवक रही। ईटीएफ, वित्तीय साधन होते हैं जिन्हें फिज़िकल गोल्ड का समर्थन होता है और इसमें प्रवाह अक्सर संस्थागत खरीदारों द्वारा प्रभावित होता है। पिछली तिमाही में उद्योग में हुए भारी आउटफ्लो को इस आवक ने आंशिक रूप से ही कम किया जिस वजह से 2014 के बाद 2021 पहला साल बना जिसके शुरुआती 6 महीनों में शुद्ध आउटफ्लो दर्ज किया गया।