तहरीक अमन ए हिंद समिति की ओर से भारत के जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने के ऐतिहासिक अवसर पर 16 मार्च 2023 को ‘एक शाम भारत को विश्व गुरु बनाने के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
तहरीक अमन ए हिन्द समिति के अध्यक्ष अमीन पठान ने बताया कि वर्ष 2023 में भारत को जी-20 समूह की बैठक की अध्यक्षता करने का ऐतिहासिक अवसर प्राप्त हो रहा है। भारत की जी-20 अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य थीम पर आधारित होगी. इसी सामाजिक सहभागिता को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम समाज द्वारा भारत को विश्वगुरु बनाने के पथ पर अग्रसर करने में योगदान देने के लिए ‘‘एक शाम भारत को विश्वगुरु बनाने के नाम” वसुधैव कुटुम्बकम कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मुस्लिम समाज किस प्रकार से देश की तरक्की में ज्यादा से ज्यादा योगदान दे सकता है- यह इस कार्यक्रम के आयोजन का एक और उद्देश्य था। इस कार्यक्रम में सभी धर्मों के धर्मगुरु, मुस्लिम स्कॉलर व युवा शामिल हो हुए थे।
अमीन पठान ने बताया कि यह कार्यक्रम 16 मार्च 2023 को दोपहर 3 बजे बिरला ऑडिटोरियम स्टैचू सर्किल जयपुर में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में अंजुमन सैयद जादगान, अजमेर दरगाह शरीफ के सदर जनाब सैयद गुलाम किबरिया साहब, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 स्वामी चौतन्य पुरी जी महाराज, इंद्रप्रस्थ पीठाधीश्वर स्वामी श्री अजय योगी जी महाराज, सज्जादनशीन अजमेर दरगाह शरीफ सैयद नसीरउद्दीन साहब, अंजुमन सैयद जादगान अजमेर शरीफ के पूर्व सदर सैयद मोबिन सरकार साहब, उज्जैन महाकालेश्वर से डॉक्टर योगी दुष्यंत व्यास जी, सरदार अजय पाल जी सहित कई प्रसिद्ध व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल हुए।
वसुधैव कुटुम्बकम कार्यक्रम भारत को शिक्षा, अर्थशास्त्र और सबसे बढ़कर मानवता में एक महाशक्ति (विश्वगुरु) बनाने की कोशिश में, भारतीयों को उनकी अलग-अलग धार्मिक पहचान के बावजूद अखंडता, एकजुटता और अडिग एकता के लिए आह्वान करने की एक पहल थी। आयोजन के दौरान, उपस्थित लोगों ने सांप्रदायिक सद्भाव के प्रमुख संदेश को मजबूत करने के लिए स्किट, डॉक्यूमेंट्री फिल्मों और कला प्रदर्शनी के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के गौरवशाली युग को फिर से देखा। कैसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी बॉन्डिंग एक मजबूत ताकत थी और कैसे भक्ति और सूफी आंदोलनों के बीच सामंजस्य ने स्वतंत्रता सेनानियों को अन्याय और उत्पीड़न का विरोध करने के लिए प्रेरित किया, यह इस सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख सिद्धांत था। इसके बाद कव्वालियों और सूफी गीतों की प्रस्तुति हुई।
सांप्रदायिक सद्भाव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री अमीन पठान ने कहा, “भारत राम, बुद्ध, नानक, चिश्ती और टेरेसा की भूमि है, जो 1.4 अरब से ज्यादा शांति पसंद लोगों का निवास स्थान है। जब भी देश मुश्किल दौर से गुजरता है, हम सभी एक एकीकृत शक्ति के रूप में उभर कर सामने आते हैं। हमारे पास राम प्रसाद और अशफाकउल्ला खान के बीच दोस्ती का इतिहास है। विश्वास का एक प्रमाण है जहां अरबिंदो घोष ने स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम की सिफारिश की थी और 1857 के विद्रोह के दौरान, बहादुर शाह जफर को सर्वसम्मति से आंदोलन के नेता के रूप में चुना गया था। हम भारतीयों ने बार-बार साबित किया है कि मतभेद हमें बांट नहीं सकते और मुश्किलें हमें शांतिपूर्ण रास्ते से डिगा नहीं सकतीं हैं। आइए हम सब भारत को विश्व मानचित्र पर विश्वगुरु के रूप में चमकाने में मदद करें।”
श्री अमीन पठान ने यह भी जानकारी दी है कि तहरीक अमन-ए-हिंद समिति 2023 में देश भर में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करेगी।
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