अपनी जीवनशैली को सेहतमंद बनाने के लिए एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाद्य-पदार्थों के नियमित तौर पर सेवन को प्रोत्साहित किया जाता है, और एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार के सेवन से मौत के जोखिम को कम करने में भी मदद मिल सकती है। अक्सर यह माना जाता है कि कुछ फलों और सब्जियों में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, लेकिन हाल ही में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक नए अध्ययन के नतीजे बेहद आश्चर्यजनक रहे हैं, जिसे न्यूट्रिएंट्स नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के नतीजे से पता चलता है कि पिस्ता में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो आमतौर पर ब्लूबेरी, अनार, चेरी और चुकंदर जैसे कई खाद्य-पदार्थों की तुलना में कई गुना अधिक है जिन्हें अपनी एंटीऑक्सीडेंट क्षमता के लिए जाना जाता है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में फूड साइंस के प्रोफेसर, डॉ. रुई हाई लियू ने कहा, “हमने अपने अध्ययन में पाया कि पिस्ता की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता काफी अधिक है जिसे देखकर हम बेहद उत्साहित थे।” उन्होंने आगे कहा, “फिर जब हमने इसी विधि के जरिए सामान्य तौर पर उच्च-एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट क्षमता का मापन किया और अपने अनुसंधान में प्राप्त मानते उनकी तुलना की, तो हमने देखा कि पिस्ता में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो आमतौर पर ब्लूबेरी, चेरी और चुकंदर जैसे कई खाद्य-पदार्थों की तुलना में कई गुना अधिक है जिन्हें अपनी एंटीऑक्सीडेंट क्षमता के लिए जाना जाता है। हम मानते हैं कि विटामिन ई, कैरोटेनॉयड्स, फेनोलिक्स और फ्लेवोनोइड्स के साथ-साथ पिस्ते में पाए जाने वाले एक अनोखे पदार्थ की वजह से इसमें एंटीऑक्सीडेंट का स्तर अधिकतम होता है। हाल के वर्षों में पिस्ते के अध्ययन में हमने स्वास्थ्य पर इसके कई फायदे देखे हैं, जो संभावित तौर पर पिस्ते में मौजूद इन लाभकारी एंटीऑक्सिडेंट, बायोएक्टिव यौगिकों और अन्य पोषक तत्वों के संयोजन या परस्पर क्रिया का परिणाम है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल के अध्ययनों में पिस्ता से सेहत को होने वाले फायदे के पीछे की संभावित प्रक्रिया को उजागर किया। उन्होंने पिस्ते का विश्लेषण किया और यह पता लगाया कि, पिस्ते के फाइटोकेमिकल्स – यानी पौधे के भीतर मौजूद बिल्कुल अनोखे पदार्थ बेहद फायदेमंद होते हैं, जो गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने और शरीर को अच्छी तरह से काम करने में मदद कर सकते हैं। पिस्ते की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता एवं प्रयोगशाला में यह पता लगाया कि क्या पिस्ते का अर्क ट्यूमर कोशिकाओं (स्तन, यकृत और पेट के कैंसर की कोशिकाएँ) को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग तरीकों – ऑक्सीजन रेडिकल एब्जॉर्बेंस कैपेसिटी (ORAC) तथा सेल्यूलर एंटीऑक्सिडेंट एक्टिविटी (CAA) की मदद से पिस्ता की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता का मापन किया और पाया कि पिस्ता में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियों का स्तर अधिकतम होता है।
इस मौके पर एम्बर विल्सन, एमएस, आरडी, न्यूट्रिशन रिसर्च के डायरेक्टर तथा अमेरिकन पिस्टैशियो ग्रोअर्स के सूचना प्रदाता, ने कहा, “पिछले 20 वर्षों में पिस्ता से सेहत को होने वाले फायदों का अध्ययन किया गया है, और अब हम पिस्ता की विशेष बनावट के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं, जो कुल मिलाकर शरीर की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “इस अध्ययन के नतीजे से पिस्ते की उच्च एंटीऑक्सीडेंट क्षमता की पुष्टि होती है, जो उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो अपने आहार में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य-पदार्थों को शामिल करना चाहते हैं।” कॉर्नेल अध्ययन में इस्तेमाल किए गए पिस्ता कैलिफ़ोर्निया में उगाए गए थे, जिनका न्यूट्रिशन प्रोफ़ाइल दूसरे देशों में उगाए गए पिस्ते की तुलना में बेहतर होता है।
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