मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (”मैक्स लाइफ’’) ने कांतार के साथ मिलकर हाल ही में किए गए इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट 4.0 सर्वे के नतीजे जारी किए। कोविड-19 महामारी की हालिया लहर के दौरान (10 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक) भारत के 25 शहरों में 5,729 प्रतिभागियों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया था।
उत्तर भारत ने कुल जोनल औसत के बराबर 50 का सुरक्षा कोशेंट दर्ज किया और दक्षिण भारत के 51 सुरक्षा कोशेंट के बाद यह दूसरे स्थान पर रहा जबकि 71 के ज्ञान सूचकांक के उच्चतम स्तर के बावजूद उत्तर भारत में जीवन बीमा स्वामित्व सबसे कम 76% था। हालांकि कमियों के बावजूद, उत्तर भारत ने अन्य क्षेत्रों को पीछे छोड़ते हुए सुरक्षा लेवल (56%) और टर्म इंश्योरेंस स्वामित्व (45%) के लिहाज से इसने प्रभावित किया है।
मैक्स लाइफ के उप प्रबंध निदेशक, वी. विश्वानंद ने कहा, ‘‘महामारी के दो साल से अधिक समय के दौरान शहरी भारत में वित्तीय जागरूकता बढ़ी है और उन्होंने अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए सचेत कदम उठाए हैं। इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट (आईपीक्यू) 4.0 सभी रीजन में व्याप्त वित्तीय सुरक्षा की मजबूत भावना पर प्रकाश डालता, जिससे पिछले संस्करणों की तुलना में सर्वेक्षण में उच्च सुरक्षा कोशेंट दर्ज किया गया। हालांकि उत्तर में जीवन बीमा जागरूकता में
महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में बीमा अपनाना की दर सबसे कम है, जिसमें सुधार की बहुत गुंजाइश है। बीमा जागरूकता और पैठ बढ़ाने में अधिक निवेश के साथ, मुझे विश्वास है कि उत्तर भारत रफ्तार पकड़ने और सही मायने में वित्तीय रूप से सुरक्षित बनने में सक्षम होगा।’’
संपादक के लिए नोट्स: इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट 4.0 से मिले निम्नलिखित निष्कर्षों से शहरी भारत में स्वास्थ्य व वेलनेस की प्राथमिकताओं को लेकर आ रहे बदलाव और चिंताओं का पता चलता है: टर्म इंश्योरेंस स्वामित्व के मामले में सभी क्षेत्रों में उत्तर भारत अग्रणीउत्तर भारत में सबसे ज्यादा 45% टर्म इंश्योरेंस स्वामित्व दर्ज किया गया, जो दक्षिण भारत के बराबर है। स्वामित्व का स्तर पूर्व (40%) और पश्चिम (42%) की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है। उत्तर भारत ने भी दक्षिण भारत के बराबर 57% का उच्चतम कन्वर्जन अनुपात (टर्म को लेकर जागरूकता से टर्म स्वामित्व तक) प्रदर्शित किया।, बच्चों की शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य प्रमुख चिंताएं हैंइस क्षेत्र का सुरक्षा स्तर समग्र औसत (56%) के बराबर और दक्षिण भारत (57%) की तुलना में थोड़ा कम था। हालांकि, वित्तीय सुरक्षा के लिहाज से सुदृढ़ होने के बावजूद, 63% प्रतिभागियों ने बच्चों की शिक्षा के वित्तपोषण के बारे में चिंता व्यक्त की, इसके बाद मानसिक स्वास्थ्य (60%) और वर्तमान आय (58%) के साथ जीवनशैली/खर्चों को बनाए रखने के बारे में चिंता जाहिर की।, बचत और निवेश पर ध्यान केंद्रित कियासभी क्षेत्रों में, उत्तर भारत बचत/निवेश में सबसे आगे है, जिसमें आय का 58% हिस्सा बचत/निवेश में लगाया जाता है, इसके बाद दक्षिण (56%), पूर्व (56%) और पश्चिम (55%) का स्थान आता है। बच्चों की शिक्षा के लिए 46% बचत के साथ बचत उद्देश्यों में भी कुछ बदलाव देखा गया। इसके बाद चिकित्सा आपात स्थिति (45%) और सेवानिवृत्ति सुरक्षा (39%) का नंबर आता है।, वित्तीय योजना, स्वास्थ्य और फिटनेस पर कम तत्परतादक्षिण के बराबर, उत्तर भारत में 73% प्रतिभागी वित्तीय योजना के बारे में ज्यादा सक्रिय दिखे, हालांकि पूर्व और पश्चिम (75%) की तुलना में उनका अनुपात कम था। 75% प्रतिभागी अपने व्यक्तिगत कल्याण और फिटनेस को बनाए रखने के प्रति भी सचेत थे।, 55% का मानना है कि टर्म कवर अपर्याप्त है; उत्तर में टर्म इंश्योरेंस की खरीद में प्रीमियम और कवर महत्वपूर्ण कारक है उत्तर भारत में टर्म इंश्योरेंस रखने वाले हर 5 में से 3 प्रतिभागियों को लगता है कि उनका टर्म कवर उनके परिवार के भविष्य की सुरक्षा के लिए अपर्याप्त है। इसके अतिरिक्त, 71% और 73% टर्म इंश्योरेंस स्वामियों ने टर्म प्लान खरीदते समय कवर और प्रीमियम के महत्व को ध्यान में रखा है। 54% ने दावा निपटान अनुपात को महत्वपूर्ण मानदंड के रूप में देखा, जबकि 50% ने एजेंट की सुलभता की मांग की।, 5 में से 1 का मानना है कि टर्म प्लान उच्च प्रीमियम से जुड़े होते हैं, इसमें अन्य बंदिशें शामिल होती हैं21% एसोसिएट टर्म प्लान उच्च प्रीमियम वाले थे और इनके नियमों और शर्तों में कई छिपे हुए क्लॉज हैं। 23% खरीद पर दावा निपटान प्राप्त करने को लेकर भी कम आश्वस्त थे।
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