डॉ विक्रम रेड्डी मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी निओलेक्टा लाइफसाइंसेज ने बताया कि निओलेक्टा उत्पादों को शिशुओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण संबंधी जरूरतों को ध्यान में रख कर दान किये गए ब्रैस्ट मिल्क को उपयोग करके विकसित किया गया है जो अपर्याप्त ब्रैस्टमिल्क, ब्रैस्ट फीड का न बनना या मातृ बीमारी आदि स्थितियों में एक वरदान साबित हो रहा है।
सुप्रसिद्ध क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की पत्नी अर्जुन पुरस्कार विजेता स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल को अपने जुड़वां बच्चों को ब्रैस्टफीड करवाने में दिक्कत आ रही थी जिसकी वजह से वह परेशान थी लेकिन दीपिका इस बारे में बिलकुल स्पष्ट थीं कि उनके बच्चों को मानव दूध के अलावा और कुछ नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि उनका मानना है कि भले ही शिशु फार्मूला उत्पाद तकनीक काफी उन्नत हो गई है लेकिन यह कभी भी मानव दूध के पोषण की गुणवत्ता को मैच नहीं कर सकती तब डॉक्टर ने उन्हें शिशुओं के लिए बेस्ट पोषण सुनिश्चित करने के लिए निओलेक्टा लाइफसाइंसेज 100 प्रतिशत मानव दूध का उपयोग करने का सुझाव दिया।
मेरे बहुत कोशिश करने के बावजूद, मेरे जुड़वा बच्चों के लिए स्तनपान एक चुनौती बना हुआ था मैं उन डॉक्टर की आभारी हूं जिन्होंने हमें निओलेक्टा लाइफसाइंसेज के पूरी तरह जांच किये गए पास्चुरीकृत मानव दूध से निर्मित उत्पादों को इस्तेमाल करने के लिए परामर्श दिया दिनेश और मैं दोनों ही सही समय पर सही पोषण के महत्व को समझते हैं और मैं स्तनपान के साथ-साथ निओलेक्टा पीएचबीएम का उपयोग करती हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मेरे बच्चे 100 प्रतिशत मानव दूध आहार पर रहें दीपिका पल्लीकल ने कहा।
यह जानते हुए कि पोषण का सही विकल्प बच्चों के स्वास्थ्य और वेल बीइंग को सही दिशा देने में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है हम अपने जुड़वां बच्चों के लिए निओलेक्टा पाश्चराइज्ड ह्यूमन ब्रेस्ट मिल्क (पीएचबीएम) का उपयोग करके बेहद खुश हैं निओलेक्टा के प्रोडक्ट से हमारे बच्चों को श्रेष्ठतम पोषण मिल पाया है और हम उम्मीद करते है कि ज्यादा से ज्यादा माता-पिता अपने बच्चों के लिए सही पोषण और 100 प्रतिशत मानव दूध आहार सुनिश्चित करने के प्रति जागरूक होंगे दिनेश कार्तिक ने कहा।
ऐसे कई मामले हैं जहां माएं या तो पर्याप्त ब्रैस्ट मिल्क न बन पाने के लिए संघर्ष करती हैं या कुछ महिलाएं किसी गंभीर शारीरिक समस्या की वजह से ब्रेस्टफीड करवाने में असमर्थ होती हैं। ऐसी माओं को अब परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकी अब वह अपने नवजात बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित मानव दूध सुनिश्चित कर सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने माँ के स्वयं के दूध के अभाव में डोनेट किये हुए पाश्चुरीकृत मानव दूध को अगले सर्वोत्तम विकल्प के रूप में अनुशंसित किया है। निओलेक्टा के 100 प्रतिशत मानव दूध से निर्मित उत्पादों के द्वारा अब तक 30,000 से अधिक शिशुओं को लाभान्वित किया जा चुका है। इन उत्पादों को ख़ास तरह की परोपराइटरी टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्रोसेस किया जाता है. विश्व स्तर पर केवल कुछ ही देशों में मानव दूध द्वारा निर्मित उत्पादों की उपलब्धता है, अब भारत भी उन कुछ देशों में से एक है।
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