भारत के घरेलू ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट ने भारत के कारीगरों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूहों, महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित एक कार्यक्रम के माध्यम से अपनी पहल फ्लिपकार्ट समर्थ की5 साल की यात्रा का जश्न मनाया। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के 250 से अधिक अग्रणी व्यक्तियों, विक्रेताओं, कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों और स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाना और उसे बढ़ावा देना था, जिसमें भारत सरकार के माननीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी; श्री अतुल कुमार तिवारी (आईएएस), सचिव, एमएसडीई और श्रीमती सोनल मिश्रा (आईएएस), संयुक्त सचिव, एमएसडीई जैसी गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति देखी गई। समर्थ कार्यक्रम के दौरान फ्लिपकार्ट की सप्लाई चेन ऑपरेशन एकेडमी (एससीओए) ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के साथ एक एमओयू का आदान-प्रदान किया।
भारत सरकार के माननीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने विकसित भारत 2047 के विजन के तहत वैश्विक मांग के अनुरूप युवाओं के कौशल विकास की दिशा में सरकार के प्रयासों पर जोर दिया। फ्लिपकार्ट समर्थ के 5 साल पूरे होने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “भारत सरकार कारीगरों को सशक्त बनाने और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को परिभाषित करने वाले शिल्प को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। फ्लिपकार्ट समर्थ के उत्सव के अवसर पर एमएसडीई और फ्लिपकार्ट की सप्लाई चेन ऑपरेशंस एकेडमी (एससीओए) के बीच हुआ गठजोड़ आधुनिक मार्केटप्लेस में आगे बढ़ने के लिए हमारे युवाओं को जरूरी कौशल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पारंपरिक शिल्पों को डिजिटल स्पेस से जोड़ते हुए हम फ्लिपकार्ट के समर्थ कार्यक्रम के माध्यम से मजबूत साझेदारियां कर रहे हैं और नवाचार को अपना रहे हैं, जिससे भारत के एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए एक रास्ता तैयार हो रहा है।”
फ्लिपकार्ट ग्रुप के चीफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार ने कहा,”फ्लिपकार्ट में, हम स्थायी आजीविका के निर्माण के साथ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की शक्ति में विश्वास करते हैं। समर्थ के 5-वर्ष की शानदार यात्रा के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम भारत भर में कारीगरों, बुनकरों और एमएसएमई को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। हमारी समर्थ पहल के माध्यम से, हमने पिछले 5 वर्षों में 18 लाख आजीविकाओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, 100 से अधिक पारंपरिक कलाओं को संरक्षित किया है और हजारों विक्रेताओं के विकास को गति दी है। भविष्य को देखते हुए, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ हमारी साझेदारी भारत के युवाओं को डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करेगी, इससे सुनिश्चित होगा कि हमारी विरासत भविष्य की पीढ़ियों के हाथों में फले-फूले।”
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