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फ्लैक्सीलोन्स का एयूएम 1000 करोड़ रुपये के पार

फ्लैक्सीलोन्स डॉट कॉम, भारत के प्रमुख एमएसएमई -केंद्रित फिनटेक एनबीएफसी, ने आज घोषणा की कि प्रबंधन के तहत मार्च 2023 तक 100 प्रतिशत डिजिटल उत्पत्ति और शून्य शाखाओं के माध्यम से इसकी संपत्ति 1000 करोड़ रूपए के माइलस्टोन को पार कर गई है और इसने 2,000 से ज्यादा शहरों में 3,400 से ज्यादा करोड़ रुपये से अधिक के 70,000 से ज्यादा ऋण वितरित किए हैं। यह ठोस बुनियादी सिद्धांतों की पहल पर पूरे वर्ष की लाभप्रदता प्राप्त करने का भी अनुमान लगा रहा है।

इसका लक्ष्य 2025 तक 10,000 करोड़ रूपए का एयूएम हासिल करना और देश में शीर्ष तीन शुद्ध एमएसएमई ऋण देने वाले संस्थानों में शामिल होना है।

फ्लैक्सीलोन्स डॉट कॉम वित्त वर्ष 23 में एयूएम में तीन गुणा की वर्ष दर वर्ष की प्रभावशाली दर से बढ़ा। फर्म वर्तमान में 3,000 करोड़ की वार्षिक संवितरण दर पर ऋण वितरित कर रही है और अगले 12 महीनों में इस रन दर को दोगुना करने का लक्ष्य है।  वास्तव में डिजिटल विकास में 53 प्रतिशत ऋण पहली बार व्यापार ऋण लेने वालों के लिए शामिल था और 69 प्रतिशत टीयर 2/3 शहरों में हैं।

फ्लैक्सीलोन्स डॉट कॉम वर्तमान में भारत में सबसे बड़े एम्बेडेड वित्त खिलाड़ियों में से एक है, जिसमें 150 से अधिक पारिस्थितिकी तंत्र भागीदारी है, जिसमें ई-कॉमर्स दिग्गज जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट, नायका और प्रमुख फूड-टेक, फार्मा-टेक और एमएसएमई SaaS प्लेटफॉर्म शामिल हैं।

“आत्मानिर्भर भारत” के विकास को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों में, फ्लेक्सीलोन बिना बैंक और कम सेवा वाले एमएसएमई के लिए ‘एक क्लिक पर ऋण’ सुनिश्चित करता है,

इस उपलब्धि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुऐ, मि. रितेष जैन, को फाउण्डर, फ्लैक्सीलोन्स डॉट कॉम ने कहा कि, इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल कर हम काफी रोमांचित है एवं भारत में एमएसएमईज को समर्थन करने की हमारे प्रतिबद्धता का एक वसीयतनामा है। फ्लैक्सीलोन्स डॉट कॉम पर एमएसएमईज के लिये हम इस तरह की तकनीकी का उपयोग करने के लिये प्रतिबद्ध है जो वित्त को और आसान, वहनीय एवं पारदर्शी बना रही है। इनोवेशन ग्राहक उन्मुख एवं हमारे लेंडिंग पार्टनर के साथ गठबंधन ने हमारे लक्ष्य प्राप्ति को आसान बना दिया है एवं इस आशान्वित है कि भविष्य में हम नई ऊंचाइयों को छूना चाहते है एवं 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरीकन डॉलर के उल्लेखनीय उपलब्धि को देखते हुऐ एमएसएमईज को सहयोग कर रहे है।