परिचय: सेवा और सम्मान की परंपरा
राजस्थान सरकार के सैनिक कल्याण मंत्री और झोटवाड़ा विधायक कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जयपुर में आयोजित प्रादेशिक सेना पूर्व सैनिक संघ के दीपावली स्नेह मिलन समारोह में भाग लेकर वीरता और सेवा की भावना को सलाम किया।
इस अवसर पर उन्होंने गौरव सेनानियों और उनके परिवारों के साथ आत्मीय संवाद किया और कहा,
“फौज एक पेशा नहीं, बल्कि यह जीवन की ऐसी यात्रा है जिसमें सेवा, समर्पण और सम्मान की भावना सर्वोपरि होती है।”
कार्यक्रम का उद्देश्य था – उन सैनिक परिवारों को सम्मानित करना जिन्होंने देश की सुरक्षा और समाज की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है।
समारोह का सार: गौरव सेनानियों के सम्मान में दीपोत्सव
जयपुर में आयोजित इस विशेष समारोह में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने वीर सैनिकों, गौरव सेनानियों और उनके परिजनों को सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि सैनिकों की आंखों की चमक, चेहरे की गरिमा और हृदय में देशप्रेम की भावना ही भारत की असली ताकत है।
इस अवसर पर कर्नल राठौड़ ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि हर नागरिक के दिल में निहित होती है।
“हमारे सैनिक और उनके परिवार समाज की आत्मा हैं, जिन्होंने अपने त्याग से राष्ट्र निर्माण की नींव रखी है।”
सैनिक कल्याण के लिए कर्नल राठौड़ की पहलें
कर्नल राठौड़ ने सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से राजस्थान में कई नई योजनाओं और सुधारों की शुरुआत की है, ताकि हर पूर्व सैनिक और उनके परिवार तक सरकारी सहायता और सम्मान पहुँच सके।
प्रमुख योजनाएँ और कार्य
- पूर्व सैनिक हेल्पलाइन सेल: जयपुर में स्थापित विशेष हेल्पलाइन जो सैनिकों की समस्याओं को त्वरित रूप से सुलझाती है।
- सैनिक आवास योजना: जयपुर, जोधपुर और सिरसी जैसे क्षेत्रों में सैनिक परिवारों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
- शिक्षा और रोजगार सहायता: सैनिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा, स्कॉलरशिप और कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
- स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार: निवारू और सिरसी में ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) केंद्रों की स्थापना की गई है।
- सैन्य सम्मान दिवस आयोजन: हर वर्ष शहीद परिवारों और पूर्व सैनिकों के सम्मान में राज्य स्तर पर विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं।
इन योजनाओं ने सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन को स्थिरता, सुरक्षा और गरिमा प्रदान की है।
समाज और राष्ट्र निर्माण में सैनिकों की भूमिका
कर्नल राठौड़ ने कहा कि सैनिक न केवल सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि समाज में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा भावना का उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं।
“गौरव सेनानी हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं। उनके त्याग और अनुशासन से नई पीढ़ी सीखती है कि देश सेवा जीवन का सर्वोच्च धर्म है।”
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सैनिकों की तरह साहस, अनुशासन और समर्पण की भावना को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विज़न से प्रेरणा
कर्नल राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में राजस्थान सैनिक कल्याण और पूर्व सैनिक सहायता के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनता जा रहा है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है – “हर सैनिक परिवार तक सम्मान और सुविधा पहुँचाना।”
कर्नल राठौड़ ने बताया कि यह केवल सरकारी योजनाएँ नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सतत आंदोलन है।
राष्ट्रभक्ति और एकता का संदेश
कार्यक्रम के अंत में कर्नल राठौड़ ने सभी सैनिक परिवारों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह स्नेह मिलन केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी एकता, साहस और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक है।
उन्होंने कहा,
“हम सब मिलकर विकसित भारत के निर्माण में योगदान दें। यही सच्चा सम्मान होगा हमारे वीर सैनिकों के बलिदान का।”
निष्कर्ष
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में सैनिक कल्याण विभाग राजस्थान में सम्मान और सेवा की नई परंपरा स्थापित कर रहा है।
उनका यह संदेश स्पष्ट है – सैनिकों और उनके परिवारों का सम्मान केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक राष्ट्रधर्म है।
राठौड़ का यह प्रयास न केवल पूर्व सैनिकों के मनोबल को ऊँचा करता है, बल्कि युवाओं को भी यह सिखाता है कि देशभक्ति, अनुशासन और सेवा से ही भारत का भविष्य उज्जवल बन सकता है।
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