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आईएफएटी इंडिया 2025 में पूरे विश्व से जबरदस्त प्रतिभागिता

वॉटर, सीवेज़, सॉलिड वेस्ट और रिसाईक्लिंग टेक्नोलॉजी के लिए देश के सबसे बड़े ट्रेड फेयर, आईएफएटी इंडिया 2025 के 12वें संस्करण का समापन मुंबई में हुआ।तीन दिनों की इस अवधि में बिज़नेस, ज्ञान का आदान-प्रदान और वैश्विक सहयोग दर्ज हुआ।14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर के बीच बॉम्बे एग्ज़िबिशन सेंटर (एनईएससीओ), मुंबई में मेसे मुंशेन इंडिया द्वारा आयोजित इस इवेंट में अब तक की सबसे बड़ी प्रतिभागिता दर्ज की गई, जिसमें 30 से अधिक देशों के 560 से अधिक प्रदर्शकों के साथ 18,000 से अधिक विज़िटर्स ने हिस्सा लिया। यह ट्रेड फेयर45,000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला था।

भूपिंदर सिंह, प्रेसिडेंट, आईएमईए, मेसेमुंशेन और सीईओ, मेसेमुंशेनने कहा, “आईएफएटी इंडिया 2025 में वैश्विक सहयोग की भावना प्रदर्शित हुई। 30 से ज्यादा देशों के प्रदर्शकों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों, पवेलियंस और वक्ताओं की भागीदारी के साथ, इस संस्करण में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता और स्थानीय इनोवेशन का मिश्रण देखने को मिला।”

ट्रेड फेयर का उद्घाटन पुरस्कार विजेता अभिनेत्री, निर्माता और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण गुडविल एंबेसडर, दीया मिर्ज़ा ने किया. उनके साथ नगर निगमों, मंत्रालयों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों के वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे। उद्घाटन समारोह के बारे मेंदीया मिर्ज़ा ने कहा, “आईएफएटी इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म्स हमें एहसास कराते हैं कि जलवायु संकट के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है। यहाँ प्रदर्शित किए गए इनोवेशनस्वच्छ, सर्कुलर और जलवायु-अनुकूल विकास की ओर भारत के सफर में तेजी ला सकते हैं।”

इस फेयर का अंतर्राष्ट्रीय महत्व प्रदर्शित करते हुए 2025 के संस्करण में जर्मनी, कैनेडा, नीदरलैंड्स, साउथ कोरिया, हंगरी और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों की 6 अंतर्राष्ट्रीय पवेलियनथीं, जिनसे पर्यावरण टेक्नोलॉजी के लिए विकास केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को बल मिलता है। यहाँ विशेष पवेलियन, जैसे स्वान, आईडबल्यूए, और इंटरनेशनल वेस्ट पवेलियन भी मौजूद थीं।

ट्रेड फेयर के साथ आईएफएटी इंडिया कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया गया, जिसमें 400 से अधिक वक्ताओं ने 40 से अधिक टेक्निकलसत्रों में हिस्सा लिया। ये सत्र पाँच विभिन्न स्टेज में आयोजित किए गए थे – ब्लू (वॉटर), ग्रीन (अर्बन एंड सैनिटेशन),ऑरेंज (वेस्ट एंड सर्कुलर इकोनॉमी), वेस्ट टेक एंड वाटर टेक।