सिविल सेवा की गुणवत्तापूर्ण तैयारी को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए दृष्टि आईएएस ने अपनी प्रमुख पहल ‘अस्मिता योजना’ की शुरुआत की है। संस्थान द्वारा पूर्णतः प्रायोजित ऑफलाइन मेंटरशिप तथा आवासीय सुविधा के साथ यह योजना विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों के लिए शुरू की गई है, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2025 उत्तीर्ण कर ली है तथा मुख्य परीक्षा की तैयारी हिंदी माध्यम में कर रहे हैं।
दृष्टि ग्रुप की चीफ अकाडमिक ऑफिसर, रबमीत कौर, ने कहा, “एक संस्थान के रूप में हमारा यह मानना है कि आर्थिक तंगी कभी भी वास्तविक प्रतिभा की राह में बाधा नहीं बननी चाहिए। अस्मिता योजना हमारे इसी विश्वास का प्रतिबिंब है जो मेधावी अभ्यर्थियों को सशक्त बनाने तथा उनके विकास में सहयोग प्रदान करने पर केंद्रित है।”
अस्मिता योजना केवल एक छात्रवृत्ति नहीं, बल्कि मार्गदर्शन, बुनियादी ढाँचे और शैक्षणिक सहायता का एक समग्र तंत्र है। यह योजना हिंदी माध्यम के उन अभ्यर्थियों की पहचान को संवारने और उनमें स्वाभिमान विकसित करने के सिद्धांत पर आधारित है, जो भारत की सर्वाधिक प्रतिस्पर्द्धी परीक्षाओं में से एक में सफलता प्राप्त करने के लिये प्रयासरत हैं।
हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों को अक्सर उच्च-गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन और तैयारी हेतु अनुकूल शैक्षणिक परिवेश तक सीमित पहुँच का सामना करना पड़ता है। इसी अंतराल को भरने के लिए गहन विचार-विमर्श के बादअस्मिता योजना को तैयार किया गया है जो निरंतर शैक्षणिक सहायता, विशेषज्ञ मार्गदर्शन तथा सिविल सेवा की तैयारी हेतु प्रतिबद्ध सहपाठी समूह की सुविधा प्रदान करती है।
यह पहल समावेशी और सुलभ शिक्षा के प्रति दृष्टि आईएएस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। अस्मिता योजना के माध्यम से, संस्थान का उद्देश्य सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिये प्रयासरत हिंदी माध्यम के भावी अभ्यर्थियों को सशक्त बनाना है।
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