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मिश्रित शिक्षा के भविष्य में तेजी से बढ़ने का अनुमान

शिक्षा में पिछले कुछ सालों से बहुत बड़ा बदलाव आया है और मिश्रित पढ़ाई (हाइब्रिड लर्निंग) बड़ी तेजी से न्‍यू नॉर्मल बनती जा रही है। हालांकि संक्षेप में कहा जाए तो अपेक्षाकृत रूप से शिक्षा देने का नया मॉडल, मिश्रित पढ़ाई, अपने सारतत्व में ऑनलाइन और ऑफलाइन लर्निंग का सहज मिश्रण है, जिससे फिजिकल क्लास रूम और वर्चुअल लर्निंग तकनीक के माध्यम से नजदीक आते हैं। हिमांशु बजाज, हेड-बायजूस ट्यूशन सेंटर के अनुसार, ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह की मिश्रित पढ़ाई की प्रासंगिकता और स्वीकार्यता भविष्य में बढ़ने का अनुमान है। हाइब्रिड शिक्षा भविष्य में शिक्षा का मानक बन जाएगी। अब जब दुनिया लगातार लर्निंग के नए फॉर्मेट को अपनाने के लिए तैयार है, तो पैरंट्स के लिए हाइब्रिड शिक्षा के दस सबसे जरूरी फीचर इस प्रकार से है :-

●     शिक्षा की दोनों दुनिया को बेहतरीन तरीके से सामने लाता है हाइब्रिड शिक्षा ऑनलाइन और आमने-सामने शिक्षा देने के मजबूत पहलुओं को मिश्रित रूप में पेश करता है। इससे छात्र तकनीक से लाभ उठाते हैं। वह पढ़ते समय कोई भी कठिनाई आने पर उन्हें फिजिकल आयाम में पूछ सकते हैं। इसके साथ ही नियमित पढ़ाई को डिजिटल संसाधनों से समर्थन दिया जाता है।

●     पहुंच को आसान बनाना  मिश्रित लर्निंग के प्रोग्राम के साथ छात्रों को हर दिन व्यक्तिगत रूप से क्लासरूम में आने की जरूरत नहीं होगी और वह कहीं से भी किसी भी समय टीचिंग मटीरियल तक पहुंच हासिल कर सकते हैं। हालांकि यह पारंपरिक फिजिकल क्लास नहीं होती, स्टूडेंट्स और पैरंट्स के लिए यह बेहद सुविधाजनक है क्योंकि यह उन्हें अपनी पढ़ाई और अधिक अच्छे से करने के लिए दूसरे कौशल सीखने की इजाजत देता है।

●     सुविधा और लचीलापन पेश करती है : मिश्रित लर्निंग के तरीकों से छात्रों को अपनी रफ्तार से सीखने की इजाजत मिलती है। इससे किसी व्यक्ति का उन पर दबाव नहीं रहता। छात्र नए विषयों को वर्चुअली आसानी से पढ़ सकते हैं। उन पर कक्षा में चर्चा कर सकते हैं। यह तरीका अपनाने से छात्र मौजूदा प्रतिमान को उलट रहे हैं, जिसमें क्लासरूम नई-नई चीजें सीखने के लिए होता है और घर पर क्लास में पढ़े हुए पाठ को दोहराने का समय होता है।

●     सीखने के नतीजे को अनुकूल बनाता है : अपने हाथों में डिजिटस टूल्स मौजूद रहने के साथ शिक्षक छात्र की जरूरतों को ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकते हैं। आंकड़ों का गहराई से विश्लेषण करने से अध्यापकों को छात्रों की प्रगति पर पूर्ण रूप से निगरानी रखने का ज्यादा मौका मिलता है। इससे छात्रों को व्यक्तिगत रूप या वर्चुअल ढंग से कोई विषय ज्यादा अच्छी तरह समझ में आता है। इससे शिक्षा प्राप्त करने के नतीजों में सावधानीपूर्वक अनुकूल सुधार आता है।

●     छात्रों के झुकाव को बढ़ाता है : जब छात्रों का सीखने की प्रक्रिया पर ज्यादा नियंत्रण रहता है तो वह पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं। यह मिश्रित मॉडल हाई क्वॉलिटी के गतिशील ऑनलाइन कंटेंट पर निर्भर करता है, जिससे छात्रों का पढ़ाई में जुड़ाव, ध्यान और एकाग्रता बरकरार रहती है।

●     डिजिटल युग में छात्रों को जरूरी कौशल सिखाने में मदद करता है :  आजकल की दुनिया में ऑनलाइन कम्युनिकेशन भविष्य के लिए छात्रों की तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी उपकरण है। इसी के साथ छात्रों से आमने-सामने बातचीत करने या पढ़ाने के मूल्य का संरक्षण किया जाता है।

●     शिक्षक का गहरा जुड़ाव होता है  टेक्नोलॉजी के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों का जुड़ाव टेक्नोलॉजी की मदद से प्रमुख रूप से उजागर होता है, जिसमें मानवीय संपर्क पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। इस प्रक्रिया में डिजिटल टूल्स और कंटेंट छात्रों को पढ़ाने और शिक्षा देने का प्रमुख माध्यम बनती है। टीचर छात्रों के मार्गदर्शन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उनकी निगरानी करते हैं और छात्र की प्रगति का मूल्यांकन करते हैं।

●     लगातर सीखने की संस्कृति : टेक्नोलॉजी के विकास के साथ भविष्य की कक्षाओं का भी विकास हुआ है। ऑफलाइन एजुकेशन के साथ ऑनलाइन शिक्षा को जल्द ही अपनाने पर छात्रों को अपनी किसी विषय को समझने की क्षमता निरंतर बढ़ती रहती है और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती है।

●     व्यक्तिगत रूप से छात्रों का ध्यान रखा जाता है : मिश्रित शिक्षा से छात्रों को सही फीडबैक मिलता है। यह इस क्षेत्र से जुड़े सबसे बड़े लाभ में से एक है। डिजिटल टूल्स से टीचर्स के लिए छात्रों की गतिविधियों की निगरानी करना काफी आसान है।  इसके साथ ही वह नतीजों के रूप में आंकड़ों को छात्रों की शिक्षा हासिल करने में आने वाली कठिनाइयों की पहचान करता है और छात्रों की सुविधा के अनुसार पढ़ने के तरीके में सुधार करता है। 

●     मानसिक रूप से शिक्षा का उचित माहौल बनाती है : पढ़ाई के नतीजे को छात्रों की जरूरतों के अनुकूल बनाकर हाइब्रिड पढ़ाई इस क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाती है। यह शिक्षा के प्रति स्व-निर्देशित नजरिए का विकास करती है और छात्रों के सीखने के अपने-अपने रास्ते बनाती है।