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फिक्की कैस्केड ने अवैध व्यापार से उत्पन्न खतरों के प्रति स्कूली बच्चों को जागरूक किया

अवैध व्यापार से जुड़े खतरों के बारे में युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में, फिक्की कैस्केड (कमेटी अगेंस्ट स्मगलिंग एण्ड काउन्टरफेटिंग एक्टीविटीज डेस्ट्रॉइंग द इकोनॉमी) ने आज सेन्ट एडमंड स्कूल, जवाहर नगर, जयपुर में एक इंटरस्कूल प्रतियोगिता का आयोजन किया।

‘भारत को तस्करी और जालसाजी से मुक्त बनाने में युवाओं की भूमिका‘ विषय पर केन्द्रित प्रतियोगिता तीन अलग अलग श्रेणियों में थी जिनमें पेंटिंग, भाषण और जिंगल राइटिंग। इस प्रतियोगिता में जयपुर के 30 से अधिक स्कूलों के 350 से अधिक छात्रों की जबरदस्त भागीदारी रही।

इस अवसर पर राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग, जयपुर के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र मोहन माथुर ने कहा ‘‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि फिक्की कैस्केड की इंटर-स्कूल प्रतियोगिता जैसी जागरूकता पहल एक ऐसी पीढ़ी तैयार करने में मदद कर सकती है जो अवैध व्यापार के खतरों के प्रति सतर्क है। उन्होंने अंतर विद्यालय प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

उपभोक्ता परिसंघ और आईसीएएन के अध्यक्ष श्री अनन्त शर्मा ने कहा कि ‘‘धोखाधड़ी या नकली उत्पादों का उपयोग न केवल अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है बल्कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम भी बढाता है। तस्करी और जालसाजी के खिलाफ लड़ाई न केवल सरकार के हितों की पूर्ति करती है बल्कि उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों को समान रूप से पर्याप्त लाभ पहुंचाती है।‘‘

फिक्की कैस्केड के सलाहकार और केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री पीसी झा ने कहा, “जालसाजी और तस्करी से जुड़ी प्राथमिक चुनौती इन वस्तुओं के पूरे जीवनचक्र के दौरान उनके उत्पादन से लेकर उपभोग तक उचित ट्रैकिंग और दस्तावेज़ीकरण की कमी के कारण है।

उन्होंने आगे कहा ‘‘उदाहरण के तौर पर, पांच विशिष्ट क्षेत्रों स्मार्टफोन, सिगरेट, शराब, पैकेज्ड खाद्य पदार्थ और घरेलू सामान के भीतर अवैध व्यापार के चलते देश को सालाना लगभग 5800 करोड़ रुपए की वित्तीय हानि होती है। श्री झा ने जोर देते हुए कहा इसकी रोकथाम के लिए हम सभी के लिए एक साथ आना और जालसाजी और तस्करी के दोहरे खतरों का मुकाबला करना जरूरी है। युवाओं को नैतिक प्रथाओं और आर्थिक अखण्डता के बीच सम्बन्ध के बारे में जागरूक करके, हम एक मजबूत राष्ट्र बनाने में मदद कर सकते हैं।

श्री दीप चंद, सलाहकार, फिक्की कैस्केड और पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त, नई दिल्ली ने कहा, ‘‘भावी निर्णायक  होने के नाते, युवाओं को कम उम्र से ही अवैध व्यापार के दुष्परिणामों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें इस खतरे से उत्पन्न जोखिमों से निपटने और सूचित विकल्प चुनने के लिए शिक्षा प्रदान करें। युवा पीढ़ी को सशक्त बनाकर, हम तस्करी और जालसाजी के संकट से मुक्त समाज के निर्माण में योगदान देंगे।

प्रतिबंधित सामग्री और तस्करी के सामान का बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा है और आज यह भारतीय उद्योग के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। देश में सोना, सिगरेट, सौंदर्य प्रसाधन, दवाएं, आभूषण, रेडीमेड परिधान, शराब, पूंजीगत सामान और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में बड़े पैमाने पर तस्करी देखी जा रही है, जो देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा रही है।

फिक्की कैस्केड तस्करी और जालसाजी से निपटने के लिए एक समर्पित मंच है। वर्षों से, फिक्की कैस्केड इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए जागरूकता पैदा करने पर काम कर रहा है, जो न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होता है और देश की विकास गति को पटरी से उतारने की क्षमता है। नीति निर्माताओं, उद्योग, प्रवर्तन अधिकारियों और मीडिया के साथ, फिक्की कैस्केड विभिन्न इंटरस्कूल और इंटरकॉलेज प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों के माध्यम से इस मुद्दे निपटने के लिए अपनी लड़ाई में देश के युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है।