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एचपी के अध्ययन में सामने आई तस्वीर

भारत में ईस्पोर्ट्स इंडस्ट्री में हो रही प्रगति ने देश के गेमर्स को बहुत फायदा पहुंचाया है। अब उनके पास इस इंडस्ट्री में करियर के अवसर बढ़े हैं और उन्हें ज्यादा आय पाने का मौका भी मिल रहा है। एचपी इंडिया गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 में यह बात सामने आई है। इस अध्ययन में 15 शहरों के 3,000 गेमर्स को शामिल किया गया। इसमें सामने आया कि आनंद और सुकून के साथ-साथ गेमर्स अब गेमिंग की मदद से पैसा और पहचान भी कमा रहे हैं। इस अध्ययन में पहली बार 500 अभिभावकों को भी शामिल किया गया। इसमें सामने आया कि पिछले कुछ साल में भारत में गेमिंग को लेकर माता-पिता की सोच में भी सकारात्मक बदलाव आया है।

एचपी इंडिया मार्केट की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर इप्सिता दासगुप्ता ने कहा, ‘भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा पीसी गेमिंग देश बनकर सामने आया है। इस विकास के साथ कदम मिलाते हुए हम लगातार इनोवेशन एवं अत्याधुनिक टूल्स की मदद से गेमर्स को सशक्त एवं सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अध्ययन से हमें गेमिंग की दुनिया को गहराई से समझने का मौका मिला है और गेमर्स के उत्साह एवं उनकी महत्वाकांक्षा की तस्वीर भी सामने आई है।’

गेमिंग से बढ़ रही है आय: भारत में 2022 की तुलना में इस साल गेमिंग से आय बढ़ी है। अध्ययन में हिस्सा लेने वाले करीब आधे सीरियस गेमर्स ने बताया कि गेमिंग से उन्हें सालाना 6 से 12 लाख रुपये तक की कमाई हो रही है।

नई भूमिकाओं पर है गेमर्स की नजर: स्पॉन्सरशिप और ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट आय का उल्लेखनीय स्रोत बनकर सामने आए हैं, जिससे गेमिंग कम्युनिटी की बढ़ती महत्ता भी सामने आ रही है। भारत में गेमिंग इंडस्ट्री गेमर्स को कई करियर विकल्पों में हाथ आजमाने का मौका भी दे रही है। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों ने बताया कि गेमर होने के अलावा भविष्य में वे इन्फ्लूएंसर के रूप में या ईस्पोर्ट्स मैनेजमेंट में करियर पर भी नजर बनाए हुए हैं।

एचपी इंडिया मार्केट के सीनियर डायरेक्टर – पर्सनल सिस्टम्स विक्रम बेदी ने कहा‘यह देखना उत्साहजनक है कि ईस्पोर्ट्स इंडस्ट्री बढ़ रही है और इससे गेमर्स को कई तरह के करियर के विकल्प भी मिल रहे हैं। हमें विश्वास है कि भारतीय युवाओं में न केवल देश को ग्लोबल ईस्पोर्ट्स एरेना बनाने की क्षमता है, बल्कि वे इस इंडस्ट्री में उद्यमिता के अवसर भी सृजित कर सकते हैं। एचपी में हम एचपी गेमिंग गैराज जैसी पहल के माध्यम से उनके विकास में मदद कर रहे हैं और नए गेमर्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं।’

गेमिंग को लेकर सकारात्मक हो रहा है अभिभावकों का नजरिया: अध्ययन में सामने आया है कि भारत में गेमिंग को लेकर माता-पिता के नजरिये में भी सकारात्मक बदलाव आ रहा है। अध्ययन में शामिल 42 प्रतिशत अभिभावकों ने गेमिंग को शौक के रूप में स्वीकृति दी। 40 प्रतिशत अभिभावकों ने माना कि पिछले कुछ साल में गेमिंग को लेकर उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव आया है। ऐसा विशेष रूप से इस इंडस्ट्री में हो रही प्रगति के कारण हुआ है।

हालांकि, गेमिंग करियर के स्थायित्व और सामाजिक रूप से सभी से कट जाने को लेकर अभिभावकों में चिंता बनी हुई है। अध्ययन में सामने आया कि अभिभावकों के पास भारत में गेमिंग की संभावनाओं के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। 49 प्रतिशत अभिभावक गेमिंग के बारे में कुछ भी जानने के लिए दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर ही निर्भर हैं।