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राजस्थान एमएसएमई शिखर सम्मेलन ‘डेजर्ट ब्लूम’ की शुरुआत

जयपुर स्थित विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी  एनएएसी+, बिट्स टेक और राजस्थान चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आरसीसीआई) के सहयोग से दो दिवसीय राजस्थान एमएसएमई शिखर सम्मेलन का शुक्रवार से शुभारंभ हुआ जिसका उद्देश्य छोटे, बड़े और सामान्य व्यवसाय वाले व्यापारियों को विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए एकजुट करना है। कार्यक्रम के पहले दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्री विजय कुमार शर्मा, निदेशक एमएसएमई राजस्थान ने टीम भावना के साथ काम करने पर बल दिया और कहा की आपूर्ति चेन पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने ये भी बताया कि व्यापार संबंधी योजनाओं को कैसे सत्यापित करें। 

कार्यक्रम में की नोट वक्ता के रूप में बोलते हुए सिडबी के महाप्रबंधक तथा रीजनल इंचार्ज श्री अशोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि भारत के कुल निर्यात में 45% हिस्सेदारी एमएसएमईस की है तथा साथ ही यह भी बताया कि सिडबी एमएसएमई के लिए वेंचर कैपिटल प्रदान कर रहा है। उन्होंने सिडबी के द्वारा कोविड–19 महामारी के दौरान किए गए कार्यों का भी जिक्र किया। श्री पाण्डेय ने ये भी कहा की सिडबी निचले सूक्ष्म स्तर के उद्यमों को बिना किसी कोलेटरल के चलन छूट के माध्यम से समर्थन कर रहा है।

वीजीयू के वाइस चेयरपर्सन डॉ. के आर बगड़िया ने अपने उद्बोधन में छात्रों से कहा कि सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के पीछे भागने के बजाय उन्हें स्टार्टअप पर ध्यान देना चाहिए। आरसीसीआई के अध्यक्ष डॉ. के एल जैन ने दोषरहित उत्पादों के उत्पादन पर जोर दिया और कहा कि स्टार्टअप्स के लिए पांच साल की तैयारी आवश्यक है। इससे पूर्व वीजीयू सिडबी स्वावलंबन की फैकल्टी चेयर सुश्री मालविका डूडी  बगड़िया ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया तथा शिखर सम्मेलन पर प्रकाश डाला। 

कार्यक्रम में वीजीयू के अध्यक्ष प्रोफेसर विजय वीर सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ओंकार बगड़िया तथा विश्विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकगण एवं बिट्स पिलानी के डॉ दीपक चितकारा उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम वीजीयू के सिडबी स्वावलंबन चेयर के तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन मे वीजीयू स्वयं के व्यवसायों, छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को एक साथ लाने और उनका ध्यान नवीनी ऊर्जाकरण पर केंद्रित करना चाहता है।