भारत के एकमात्र ट्रू ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस, मीशो ने घोषणा की है कि अब उसके प्लेटफॉर्म पर नॉन-जीएसटी विक्रेता भी बिक्री कर सकेंगे। मीशो ने 01 अक्टूबर, 2023 से नॉन-जीएसटी विक्रेताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर बिक्री शुरू करने में समर्थ बनाने के लिए कई टेक्नोलॉजिकल अनुकूलन किए हैं। मीशो ने यह शुरुआत हाल ही में जीएसटी काउंसिल द्वारा 40 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाले नॉन-जीएसटी विक्रेताओं को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लाने की अनुमति मिलने के बाद की।
इस बारे में मीशो के को-फाउंडर एवं सीईओ, विदित आत्रेय ने कहा भारत सरकार ने ऑनलाइन बिक्री करने वाले छोटे व्यवसायों के लिए जीएसटी पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म करने का ऐतिहासिक निर्णय लेकर एक समावेशी और डिजिटल रूप से सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाया है। इससे न केवल आर्थिक विकास, बल्कि देश में कारीगरों, शिल्पकारों, महिला उद्यमियों और लाखों एसएमई को सशक्त बनाने की ओर सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। मीशो में हम इस ऐतिहासिक प्रगति के लिए उत्साहित हैं। हमारा मानना है कि इस छूट से न केवल उद्यमियों को विस्तृत अवसर मिलेंगे, बल्कि हमारे उत्पादों का विस्तार होकर ग्राहकों का अनुभव भी बेहतर बनेगा। मीशो छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ एमएसएमई को डिजिटल युग में आगे ले जाने और एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ का निर्माण करने के लिए तत्पर है। हम 2027 तक 10 मिलियन विक्रेताओं को डिजिटल बनाने के उद्देश्य के साथ इस परिवर्तनकारी यात्रा के लिए आशान्वित हैं।”
इस बारे में नैस्कॉम के वाईस-प्रेसिडेंट और हेड, पब्लिक पॉलिसी, आशीष अग्रवाल ने कहा हम सरकार द्वारा छोटे व्यवसायों को जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण कराये बिना ऑनलाइन बिक्री करने की अनुमति दिये जाने से उत्साहित हैं। इससे वंचित क्षेत्रों में व्यवसाय की बड़ी संभावनाएं उत्पन्न होंगी, और वहाँ आर्थिक प्रगति के साथ रोजगार का सृजन हो सकेगा। नॉन-जीएसटी विक्रेताओं को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर लाने से आर्थिक समावेशन बढ़ेगा, और डिजिटल इंडिया का उद्देश्य पूरा करने में योगदान मिलेगा।”
उद्योग में देखने में आया है कि जीएसटी अनुपालन की जरूरत पूरी ना हो पाने के कारण ई-कॉमर्स पर पंजीकरण की प्रक्रिया में हर साल 1.2 मिलियन विक्रेता बाहर हो जाते हैं। सरकार द्वारा लिए गये इस परिवर्तनकारी निर्णय से विभिन्न सेक्टरों, भौगोलिक स्थानों, और विस्तृत उत्पाद संग्रह वाले उद्यमी और व्यवसाय डिजिटल कॉमर्स के क्षेत्र में आ रही इस क्रांति में शामिल हो पायेंगे। इसके अलावा यह कदम व्यक्तिगत उद्यमियों सहित 100 मिलियन व्यवसायों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस में आगे बढ़ने में समर्थ बनाने के मीशो के उद्देश्य के अनुरूप है।
नॉन-जीएसटी विक्रेताओं को ई-कॉमर्स में प्रवेश और बिक्री शुरू करने का आसान व सुगम अनुभव प्रदान करने के लिए मीशो ने अनेक टेक्नोलॉजिकल परिवर्तन किए हैं। इन मुख्य प्रमुख परिवर्तनों में शामिल हैंरू पंजीकरण की सरल प्रक्रियारू मीशो ने पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बना दिया है, जिससे विक्रेता अपने जीएसटीआईएन की जगह अपने नामांकन आईडीध्यूआईएन द्वारा साइन अप कर सकेंगे। कैटलॉग की अपलोडिंग बनाई सरलरू उत्पाद के कैटलॉग को अपलोड करना अब ज्यादा आसान हो गया है क्योंकि एचएसएन कोड और जीएसटी प्रतिशत वैकल्पिक हो गये हैं, और अनुपालन की जटिलताएं कम हो गई हैं। जिओ-रेस्ट्रिक्टेड खोजरू सरकारी नियमों का पालन हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मीशो ने उत्पाद खोजने की प्रक्रिया को नियंत्रित कर दिया है, जिससे नॉन-जीएसटी विक्रेता केवल अपने राज्य में ही बिक्री कर सकेंगे। ज्यादा स्पष्ट शिपिंग लेबलरू मीशो ने टेक्नोलॉजिकल अपडेट्स द्वारा यह सुनिश्चित किया है कि उत्पाद के शिपिंग लेबल पर नामांकन आईडी यूआईएन स्पष्ट रूप से दिखाई दे, ताकि पारदर्शिता व अनुपालन बना रहे।
इस परिवर्तन में मदद करने के लिए मीशो नॉन-जीएसटी विक्रेताओं के लिए नई शैक्षिक सामग्री का विकास कर रहा है। यह शैक्षिक सामग्री सप्लायर पैनल और यूट्यूब पर उपलब्ध होगी, जिससे नॉन-जीएसटी विक्रेता ई-कॉमर्स के अनुरूप ढलने और अपना व्यवसाय तेजी से बढ़ाने में समर्थ बनेंगे।
इस कदम से जिन राज्यों में पहले कंपनी की मौजूदगी कम थी, वहाँ कंपनी का भौगोलिक विविधीकरण संभव हो सकेगा। मीशो नॉन-जीएसटी विक्रेताओं के विशेष गुणों, जैसे उनके अत्यधिक उत्साह और फैशन, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं होम एंड किचन जैसी श्रेणियों में उनके पास स्थानीय उपयोगिता के उत्पादों की उपलब्धता को पहचानता है।
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