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देश के चिकित्सा क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाना बेहद जरूरी : विशेषज्ञ

भारत का चिकित्सा क्षेत्र पूरी दुनिया में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हालांकि लैंगिक आधार पर बात करें तो इस क्षेत्र में महिला डॉक्टरों को सशक्त बनाना भी बेहद जरूरी है। अत्याधुनिक प्रशिक्षण के साथ उनकी उपस्थिति में इजाफा होना चाहिए। खासतौर पर देश में महिला ओटोलरींगोलॉजिस्ट का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए।

यह जानकारी दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर स्थित जैकरांडा हॉल में आयोजित पहले राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने दी। डब्ल्यूएओआई की अपनी तरह की पहली पहल के एक हिस्से के रूप में नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के ईएनटी व रोबोटिक सर्जरी विभाग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. कल्पना नागपाल ने इस सम्मेलन का आयोजन किया। आयोजन समिति में इनके अलावा डॉ. चंचल पाल, डॉ.शर्मेला सोंधी, डॉ. आभा भटनागर और डॉ. आशिमा सक्सेना शामिल हैं, जिन्होंने आगामी महिला ओटोलरींगोलॉजिस्ट के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के विस्तार की योजना भी बनाई है।

सम्मेलन का नेतृत्व इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली के ईएनटी हेड और नेक सर्जरी विभाग की वरिष्ठ सलाहकार और रोबोटिक सर्जन डॉ. कल्पना नागपाल ने किया। राष्ट्रीय सम्मेलन में नवाचार, पेशेवर विकास, अनुसंधान और सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया गया है। इसने सक्रिय रूप से व्यक्तियों की सहायता, स्क्रीनिंग या उपचार करके और सार्वजनिक जागरूकता व्याख्यान आयोजित करके सामुदायिक सेवा में शामिल होने को भी महत्व दिया। राष्ट्रीय सम्मेलन में अल्पसंख्यक महिला चिकित्सकों को सशक्त बनाना और विभिन्न विशिष्टताओं में हासिल की गई नई तकनीक और चिकित्सा प्रगति के उपयोग को बढ़ावा देना भी शामिल है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के ईएनटी हेड एंड नेक सर्जरी विभाग की वरिष्ठ सलाहकार और रोबोटिक सर्जन डॉ. कल्पना नागपाल ने कहा, “मौजूदा समय की बात करें तो महिला डॉक्टरों के लिए सफलता की राह में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इसके बारे में बहुत कम ही लोग जान पाते हैं क्योंकि एक महिला डॉक्टर हमेशा अपने पेशे के कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए मुस्कराती रहती है। सर्जरी में महिलाओं को सशक्त बनाना सिर्फ एक मिशन नहीं बल्कि एक प्रतिबद्धता है। हम इस सच्चाई को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं कि महिला सर्जन न केवल अपने पुरुष समकक्षों के बराबर हैं बल्कि अक्सर उनसे भी आगे हैं। हमारा मिशन सक्रिय स्वास्थ्य देखभाल भागीदारी और सार्वजनिक शिक्षा के माध्यम से सामुदायिक सेवा, हमारे महिला सहयोगियों का उत्थान करना, जो हमारे पेशे में अल्पसंख्यक हैं, और सभी के लिए भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देना है। हम नवाचार और अनुसंधान को अपनाते हैं, अगली पीढ़ी को खोज करने और हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, और चुनौतियों का सामना करने में अटूट समर्थन प्रदान करते हैं।”