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एमजी मोटर ने रोडमैप की घोषणा की

 बीते 99 सालों की मजबूत विरासत को संजोकर रखने वाले जाने-माने ब्रिटिश ऑटोमोबाइल ब्रांड, एमजी मोटर इंडिया ने आज सतत विकास और समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, अपने कारोबार की संचालन प्रक्रियाओं का भारतीयकरण करने के लिए भारत में अगले 5 सालों के लिए अपने रोडमैप की घोषणा की। इस दिशा में शुरू की गई प्रमुख पहलों में कारों का स्थानीय तौर पर निर्माण करना तथा बिल्कुल नई टेक्नोलॉजी को उपयोग में लाने के साथ-साथ उसे स्वदेशी बनाना; अगले 2-4 सालों के दौरान भारतीय शेयर-होल्डिंग को बढ़ाना; विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के जरिए 2028 तक अपने सभी संचालन कार्यों में स्थानीय सोर्सिंग और निर्माण को प्रोत्साहन देना तथा अपने स्वामित्व वाले या किसी तीसरे पक्ष की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की मदद से सेल मैन्युफैक्चरिंग एवं स्वच्छ हाइड्रोजन सेल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कदम बढ़ाना; गुजरात में दूसरे संयंत्र की स्थापना के साथ कंपनी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना; इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बड़ी रेंज को बाजार में उतारना; तथा प्रोडक्ट से जुड़े नए-नए प्रस्तावों की शुरुआत करना शामिल है। एमजी मोटर इंडिया ने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने तथा साल 2028 तक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या को 20,000 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

एमजी मोटर इंडिया ने अपनी विकास योजना को आगे बढ़ाते हुए गुजरात में अपनी दूसरी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसके बाद संयुक्त रूप से कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़कर सालाना 3,00,000 वाहन (दोनों संयंत्रों की क्षमता को मिलाकर) हो जाएगी, जो फिलहाल 1,20,000 वाहन प्रतिवर्ष है। इसके अलावा कंपनी ने 4-5 नई कारों को लॉन्च करने का भी लक्ष्य रखा है, जिनमें से ज्यादातर EV मॉडल हैं। कंपनी साल 2028 तक अपनी बिक्री में EV पोर्टफोलियो की हिस्सेदारी को 65-75% तक पहुंचाना चाहती है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने इसमें मदद करने के लिए, एमजी मोटर इंडिया द्वारा स्थानीय तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के कल-पुर्जों के निर्माण को मजबूती दी जाएगी तथा गुजरात में बैटरी असेंबली यूनिट की स्थापना की जाएगी।

एमजी मोटर इंडिया एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के भारत के मिशन में अपना योगदान देने के इरादे पर अटल है, और इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए कंपनी अत्याधुनिक क्लीन टेक्नोलॉजी में निवेश करेगी, जिसमें हाइड्रोजन फ्यूल सेल और सेल मैन्युफैक्चरिंग शामिल है। इसके साथ-साथ कंपनी संयुक्त उद्यम (JVs) या तीसरे पक्ष की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के ज़रिये इलेक्ट्रिक वाहनों के कल-पुर्जों के स्थानीय तौर पर निर्माण को बढ़ावा देगी।

एमजी  मोटर इंडिया के एमेरिटस सीईओ, श्री राजीव चाबा ने भारत के लिए कंपनी के रोडमैप के बारे में बताते हुए कहा, ” एमजी इंडिया को भारत से सच्चा लगाव है और यह बात हमारी कार्यप्रणाली से गहराई से जुड़ी हुई है। हम सतत विकास के अगले चरण की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने 2028 के लिए एक स्पष्ट रोडमैप और विजन की रूपरेखा तैयार की है। विकास से संबंधित हमारी रणनीति स्थानीयकरण को मजबूत करने और सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ अधिक निकटता से तालमेल बनाने पर केंद्रित है। साथ ही हम इनोवेशन के साथ ज़रिये अपने वादे पर लगातार खरा उतरने और बाजार की लगातार उभरती जरूरतों को पूरा करने पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। “

समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कंपनी अटल इरादे के बारे में बात करते हुए, श्री चाबा ने आगे कहा, ” एमजी मोटर इंडिया में हम सार्थक बदलाव को बढ़ावा देने के अपने संकल्प पर कायम हैं। हम अपने होनहार कर्मचारियों को लगातार आगे बढ़ाने के लिए निवेश करने और ‘ एमजी नर्चर प्रोग्राम’ जैसी पहलों के माध्यम से भारत की युवा प्रतिभाओं के हुनर को निखारने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। इसके तहत, हमने 1,00,000 छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए 50 संस्थानों के साथ साझेदारी करने की योजना बनाई है, जो उन्हें EV, कनेक्टेड कार और ADAS सिस्टम जैसी नई टेक्नोलॉजी के बारे में प्रशिक्षण देंगे।”

इसके अलावा, श्री चाबा ने लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की कोशिशों के बारे में बताते हुए कहा, “हम अच्छी तरह जानते हैं कि लैंगिक विविधता काफी मायने रखती है। अपने कर्मचारियों की बात करें तो हमारी कंपनी में लैंगिक विविधता का स्तर 37% तक पहुंच चुका है, और हमने अपने संगठन के भीतर विभिन्न पदों पर लैंगिक विविधता को 50% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।”

कंपनी ने अपने ‘ एमजी नर्चर प्रोग्राम’ के तहत 1,00,000 छात्रों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है, जिन्हें EV, ADAS और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये सभी छात्र प्रशिक्षण पाने और कौशल विकास के बाद नेक्स्ट जेनरेशन कारों के निर्माण की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे।