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मोबाइल टॉवर जागरूकता:- भ्रांतियाँ व धोखाधड़ी विषय पर कार्यक्रम का आयोजन

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा अनुकम्पा प्लेटीना, मानसरोवर, जयपुर में मोबाइल टॉवर जागरूकता:- भ्रांतियाँ व धोखाधड़ी विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टॉवर के बारे में फैली भ्रान्तियों को दूर करने एवं वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर लोगों में इस बारे में फैले भय और आशंकाओं को दूर करना था।

आरम्भ में दूरसंचार विभाग के सहायक मंडल अभियंता श्री पुखराज मीना ने उपस्थित सभीगणमान्यों का स्वागत किया तथा बताया कि दूरसंचार के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी परिवर्तन आयें हैं | हम 2जी से अब 5जी की और जाने को तैयार है पर रेडिएशन से जुड़ी कई भ्रांतियाँ व धारणायेँ भी फैली हुई है जिनका तथ्यात्मक निराकरण आवश्यक है | उन्होने कहा कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाना उपयोगी होगा की मोबाइल टावर्स मानव स्वस्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं है |

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दूरसंचार विभाग राजस्थान लाईसेन्स सर्विस एरिया के निदेशक श्री राकेश कुमार मीनानेभारत में दूरसंचार सेवाओं के विकास और इसकी विशेषताओं के बारे में चर्चा करते हुए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मोबाइल एवं इंटेरनेट सेवाओका प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, इसलिए अच्छी कनेक्टिविटी व 5जी सेवाओ की शुरुआत के लिए फाइबराइजेशन व मोबाइल टॉवर की संख्या बढानी भी आवश्यक है तथा 5जीके लिए हर 200 मीटर पर स्माल सेल टावर/ पोल लगाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ सिग्नल पर हुए गहन शोध से यह सिद्ध हुआ है कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाले विकिरण से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नही पहुंचता है।उन्होंने बाताया कि कोई भी व्यक्ति संदेह होने पर 4000 रुपये कि राशि जमा करवाकर अपने पड़ोस में लगे टावर से निकलने वाले रेडिएशन कि जांच करवा सकता है तथा तरंग संचार पोर्टल के माध्यम से भी कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल नंबर व OTP के द्वारा अपने नजदीकी मोबाइल टावर के रेडिएशन की स्थिति के बारे में जान सकता है |

उन्होने बताया कि मोबाइल टॉवर से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होने मोबाईल टॉवर से बनने वाले हल्के स्तर की इलेक्ट्रो मैगनेटिक फील्ड के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि दूरसंचार विभाग टॉवर्स से निकलने वाली विकिरण की लगातार निगरानी करता है और इस पर नियंत्रण का कार्य भी करता है। उन्होने बताया कि फिलहाल राज्य में किसी भी मोबाइल टावर से निर्धारित मानक से अधिक विकिरण नहीं हुआ है | उन्होने कहा कि ऐसा होने पर कड़े आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है जो 20 लाख रुपये प्रति केस हो सकता है | उन्होने बताया कि भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानक से भी 10 गुना अधिक
कड़े मानक तय किये गये है, जिससे आमजन की विकिरणों के प्रति सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। इसके साथ ही मोबाइल टॉवर की लगातार जांच की जाती है। उन्होने कहा कि लोगों को इस बारे में किसी भी भ्रम ओैर भय का शिकार नही होना चाहिये कि वे मोबाईल टॉवर से किसी भी प्रकार से प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिक एवं चिकित्सकीय दृष्टिकोण से ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि मोबाईल टॉवर से कोई नुकसान हुआ है।

उन्होने यह भी बताया कि यह सर्वविदित है कि पशु एवं पक्षियों में प्राक्रतिक एवं अप्राक्रतिक हानिकारक तत्त्व एवं परिस्थिति का उन्हें पूर्वाभास हो जाता हैंफिर भी मोबाइल टावर पर कई पक्षी अपने घोंसले बनाकर रहते हैं। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाली बहुत कम क्षमता की गैर आयनिक विकिरण न केवल मनुष्यों बल्कि पशु पक्षियों को भी कोई नुकसान नही पहुचाती है।

कार्यक्रम के दौरान कई लोगों ने मोबाइल टॉवर के बारे में अपनी जिज्ञासाएं प्रकट की जिनका उत्तर देते हुये उन्होने आश्वस्त किया कि मोबाइल कनेक्टिविटी इस समय सभी वर्गो की आवश्यकता है और भारत सरकार डिजिटल इंडिया मिशन के तहत लोगों को सुरक्षित और अच्छी कनेक्टिविटी के लिए कार्यरत है। उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि मोबाइल टॉवर के नजदीकी क्षेत्रों में विकिरण की मात्रा अन्य क्षेत्रों की तुलना में कई गुना कम होती है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये दूरसंचार विभाग के सहायक महानिदेशक श्री अर्पित शुक्ला ने कहा कि कई फ़्रौड कंपनियाँ टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी कर रही है| उन्होंने कहा कि फर्जी मोबाइल कंपनियों के ललचाने वाले विज्ञापनों, एसएमएस, व कॉल से आमजन को बचना चाहिए व सही जानकारी लेकर ही मोबाइल टावर लगवाने की कार्यवाही करनी चाहिए व कोई भी भुगतान अपनी और से नहीं करेंI यदि कोई ठगी का शिकार हो भी गया हो तो पास के पुलिस स्टेशन में इसकी रिपोर्ट करेंI

कार्यक्रम के अंत में विभाग के सहायक महानिदेशक श्रीहरीओम गुप्ताने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया |