भारत की अग्रणी बहुराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल कंपनियों में से एक, फाइजर इंडिया और एमरिकेयर्स इंडिया फाउंडेशन ने नर्सों के लिए एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस के बारे में आनलाइन शिक्षा प्लेटफार्म – ओपन–एएमआर लॉन्च करने की घोषणा की है।अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में प्रशिक्षण के लिए ओपन–एएमआर एवं आनलाइन शिक्षा प्लेटफार्म के लॉन्च की आज घोषणा की। स्वास्थ्य पर केंद्रित राहत एवं विकास संगठन एमरिकेयर्स इंडिया फाउंडेशन इस पहल से क्रियान्वयन सहयोगी के रूप में जुड़े हैं। ओपन-एएमआर एक वेब आधारित प्लेटफार्म है जो भारतभर में कहीं भी नर्सों के लिए 7 क्षेत्रीय भाषाओं — अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मराठी में उपलब्ध होगा। इस प्लेटफार्म पर नर्सों और अस्पतालों के लिए नि:शुल्क पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। ये पाठ्यक्रम एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) के तहत् इंफेक्शन रोकने और नियंत्रण करने (आईपीसी) और एंटी माइक्रोबियल प्रथाओं (एएमएसपी) पर ज़ोर देंगे, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की 10 बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है। आने वाले वर्षों में और भी कोर्स इसमें जोड़े जाएंगे।
इस प्लेटफार्म को भारत की पहली एंटीमाइक्रोबायल रेजिस्टेंस समिट 2022 में श्रीमती के के शैलजा टीचर, माननीय पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, केरल सरकार तथा डॉ अतुल गोयल, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, भारत सरकार द्वारा जारी किया गया।
इस प्रोग्राम के महत्व के बारे में शरद गोस्वामी, सीनियर डायरेक्टर कार्पोरेट अफेयर्स, फाइजर लिमिटेड ने कहा, ”भारत के अस्पतालों में नर्सें प्रमुख स्तंभ हैं और वे हेल्थकेयर की कुशल डिलीवरी एवं इंफेक्शन नियंत्रण में बड़ा योगदान करती (ते) हैं। हमें यकीन है कि नर्सें अस्पतालों में एंटी माइक्रोबियल स्टीवार्डशिप और इंफेक्शन नियंत्रण में अहम भूमिका निभा सकती हैं। पिछले कई वर्षों से फाइजर के लिए एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस दुनियाभर में ही नहीं, स्थानीय स्तर पर भी एक बड़ी प्राथमिकता बन गया है। हमें भारत में हर नर्स के लिए एएमआर पर कोर्स और ओपन उपलब्ध कराने में अमरीकेयर्स इंडिया फाउंडेशन एवं मेडवर्सिटी के साथ सहयोग करते हुए हर्ष हो रहा है।”
डॉ. अतुल गोयल, महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, भारत सरकार, ने कहा, ”मुझे फाइजर और उसके सहयोगियों के एएमआर प्रोग्राम का हिस्सा बनते हुए खुशी हो रही है। एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य के खतरे बढ़ते जा रहे हैं और भारत सरकार ने एएमआर के खिलाफ राष्ट्रीय कार्य योजना लागू कर इस दिशा में ठोस पहल की है। हमें इस बात की खुशी है कि फाइजर और उसके सहयोगी भारत में एएमआर के कारण पड़ने वाले बोझ की समस्या को हल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमें इस मुसीबत के खिलाफ लड़ाई में शामिल होते हुए हर्ष हो रहा है और अगर देश में फार्मास्यूटिकल उद्योग जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाए तो डीजीएचएस भी इस दिशा में अहम भूमिका निभाने को तत्पर है।”
इस प्रोग्राम के बारे में श्रीपद देसाई, प्रबंध निदेशक एवं कंट्री डायरेक्टर, अमरीकेयर्स इंडिया फाउंडेशन ने कहा, ”हमें फाइजर और मेडिवर्सिटी के सहयोग से भारत में नर्सों के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में ओपन-एएमआर शुरु करते हुए हर्ष हो रहा है। हमें यकीन है कि अगर नर्सों को सही प्रकार की ट्रेनिंग मिलेगी तो वे एंटी माइक्रोबियल स्टेवर्डशिप प्रथाओं को लागू करने और एएमआर कम करने में अहम भूमिका निभाएंगी। एक अनुमान के अनुसार भारत में 2050 तक एएमआर के कारण 20 लाख मौतें होने की आशंका है। यदि हमें इस पर काबू पाना है तो शीघ्र ही ठोस कदम उठाने होंगे।”
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