भारत की प्रमुख फॉसिल फ्यूल क्लीन टेक्नोलॉजिस कंपनी, ड्यूकॉन इंफ्राटेक्नोलॉजिस लिमिटेड ने घोषणा की है कि उसने बड़े पैमाने पर इकोनॉमिकल ग्रीन हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण पर रिसर्च एवं डेवलपमेंट कार्य करने के लिए अपनी यूएसए स्थित पूर्ण स्वामित्व की सब्सिडियरी में एक नए बिजनेस डिवीजन “हाइड्रोफ्यूल” (www.hydrofule.com ) की स्थापना की है, जो कम से कम 70% कंवर्जन कार्य कुशलता प्राप्त करने के लिए सोलर एनर्जी के साथ कार्य करेगा.
ड्यूकॉन के चेयरमैन, अरुण गोविल ने कहा, “ यह नया बिजनेस कंपनी की हमारे पूर्ण स्वामित्व की यूएसए सब्सिडियरी में स्थित होगा और संभव होने पर पेटेंट के लिए आवेदन किया जाएगा. भारत सरकार ने भारत को ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन में लीडर बनाने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं, हम अति किफायती सोलर इलेक्ट्रोलाइजर विकसित करने के लिए इस ट्रांसफॉरमेशनल क्लीन टेक्नालॉजिस सुअवसर का लाभ उठाने के लिए आगामी वर्षों में रिसर्च एवं डेवलपमेंट में उल्लेखनीय निवेश करेंगे. वाटर इलेक्ट्रोलाइसिस टेक्नोलॉजी के लिए ग्लोबल क्षमता 62.6 प्रतिशत कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट ( सीएजीआर ) की दर से बढ़कर 20 तक लगभग 104.6 जीडब्ल्यू पर पहुंचने की संभावना है और ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन मार्केट जो 2020 में 0.3 बिलियन डॉलर था, उसके 2028 तक 9.8 बिलियन डॉलर पर पहुंचने की संभावना है.” श्री गोविल ने आगे कहा, “ ग्रीन हाइड्रोजन हमारे भविष्य का एक अनिवार्य हिस्सा है क्योंकि यह सस्टेनेबल एनर्जी की ओर ग्लोबल बदलाव और नेट जीरो ईमिशन का महत्वपूर्ण समर्थक होगा बशर्ते कि इसे वर्तमान लागत की तुलना में अधिक किफायती रूप से उत्पादित किया जा सके.”
Add Comment