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क्यूब रूट्स फाउंडेशन राजस्थान में जल संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध

देश के सबसे बड़े तथा जल की कमी से सर्वाधिक जूझ रहे राज्य राजस्थान में क्यूब रूट्स फाउंडेशन ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल की है। कम वर्षा तथा सतही जल स्त्रोतों की कमी के कारन झीलें तथा तालाब राजस्थान में जीवन का एक अभिन्न अंग रहे हैं। कुछ समय पहले तक प्रत्येक गांव में एक तालाब होता था जो की सभी ग्रामवासियों की जल की आवश्यकताओं की पूर्ती करता था। परन्तु समय के साथ, अनदेखी तथा अतिक्रमण के कारण अधिकांश जल स्त्रोत या तो प्रदूषित हो गए हैं या फिर पूरी तरह विलुप्त हो गए हैं । इसी कारण,  राजस्थान की जल समस्या दिनों दिन गंभीर होती जा रही है।

राज्य की जल समस्या के समाधान के लिए क्यूब रूट्स फाउंडेशन ने अपना योगदान देते हुए झीलों तथा तालाबों के पुनरुथान के किये योजना 2017  में प्रारम्भ की । इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों तथा स्थानीय समुदायों के साथ विमर्श करके पुर्नरूथान के लिए तालाबों का चयन किया जाता है। उसके बाद वैज्ञानिक शैली से स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाई जाती है।तालाबों के पुनर्विकास के लिए उनमें से अवांछित वस्तुओं तथा कचरे को निकलना, लम्बाई चौड़ाई तथा गहराई को बढ़ाना, आसपास वनस्पतियों का रोपण, जल भराई के लिए छोटी छोटी नहरों को खोदना, जलग्रहण क्षेत्र का विकास करना इत्यादि किया जाताहै।पुनर्विकास के बाद तालाब अधिकजल को संचय कर पाते हैं तथा यह जल लम्बे समय तक उपलब्ध रहता है। ग्रामवासी तो इस जल से लाभान्वित होते ही हैं, इससे भूमिगत जल में भी वृद्धि होती है।

इस योजना के तहत क्यूब हाइवेज अब तक 9 तालाबों का पुनर्विकास कर चुका है। रामगढताल, भंडाना ताल, मलारना ताल, खेरवाल ताल, बरखेड़ा ताल, बालाजी ताल, नगला बौआ ताल  तथा सिंघवाड़ा ताल का विकास इस योजना के अंतरगर्त किया गया है।

जयपुर महुआ टोलवे लिमिटेड (JMTL), क्यूब रूट्स फाउंडेशन के सहसंस्था को 2019 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ग्रीन हाईवे पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के लिए चयन के पीछे जल स्रोतों के पुनरुथान के लिए चलायी गयी योजना का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।