राधिका ज्वेलटेक लिमिटेड (आरजेएल) (बीएसई: 540125), एक खुदरा स्टोर के माध्यम से संचालित होने वाले बढ़िया सोने और हीरे जड़ित गहनों सहित उच्च श्रेणी के विरासती गहनों में काम करने वाली राजकोट, गुजरात की एक प्रसिद्ध खुदरा ज्वेलरी कंपनी ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष के लिए उत्कृष्ट परिणामों की घोषणा की है।
31 मार्च 2022 पर कुल आय 62% उछलकर वित्तीय वर्ष 2021( FY21) में 144.33 रुपये से वित्तीय वर्ष 2022 (FY22) में 234.72 करोड़ हुई। इसी प्रकार शुद्ध लाभ वित्तीय वर्ष 2022 (FY22) में 19.64% बढ़कर 27.06 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्तीय वर्ष 2021 (FY21) में 22.61 करोड़ रुपये था। ठीक उसी तरह EPS वित्तीय वर्ष 2021(FY21) में 9.58 रुपये की तुलना में बढ़कर 11.47 रुपये वित्तीय वर्ष 2022v(FY22) हो गया।
गोल्ड और ज्वेलरी एंटरप्रेन्योरशिप में 35 साल के समृद्ध अनुभव के साथ, आरजेएल (RJL) के प्रमोटरों को उद्योग के साथ-साथ राजकोट के स्थानीय ज्वेलरी मार्केट का भी गहरा ज्ञान है। 3 दशकों से अधिक समय से परिचालन उपस्थिति के साथ, ‘राधिका’ नाम ग्राहकों के साथ काफी विचारणीय साख रखता है। राजकोट सौराष्ट्र क्षेत्र का प्राथमिक सामाजिक आर्थिक शहरी केंद्र होने के साथ गुजरात राज्य में एक प्रमुख है।
इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए, तेजी से शहरीकरण, बढ़ती वर्किंग एज पॉप्युलेशन, बढ़ते आर्थिक अवसरों और बढ़ती सुलभ आय के साथ-साथ सोने में खरीदारी / निवेश करने की परंपरा से आभूषणों की मांग बढ़ेगी।
कंपनी के पीछे की प्रेरक शक्ति कहे जाने वाले श्री अशोक ज़िंज़ुवाडिया ने 1987 में राधिका ज्वेलर्स की नींव रखी। तब से, राधिका ज्वेलटेक लिमिटेड ने अपने प्रारंभिक चरणों में राजकोट शहर के सोनी बाजार में एक छोटी-सी दुकान से 2500 वर्ग फुट के एक विशाल शोरूम, जो अब राजकोट शहर के पैलेस रोड पर स्थित है, तेजी से विकास और विस्तार का अनुभव किया है।
राधिका ज्वेलटेक लिमिटेड की सफलता का श्रेय उनके ग्राहक-केंद्रित दर्शन,गहनों के गुणवत्ता मानकों, अत्यधिक मूल्यवान ग्राहकों को प्रदर्शित सर्वोत्तम डिजाइन, कर्मचारियों के उत्कृष्ट बिक्री कौशल को दिया जा सकता है। इस तरह का संयोजन हर जगह एक वफादार ग्राहक आधार सुनिश्चित करता है।
विकास और मूल्यवर्धन के लिए अपनी क्षमता के आधार पर, सरकार ने रत्न और आभूषण क्षेत्र को निर्यात के प्रोत्साहन हेतु एक फोकस क्षेत्र के रूप में घोषित किया। सरकार ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में ‘ब्रांड इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए निवेश को आगे बढ़ाते हुए तथा प्रौद्योगिकी और कौशल को उन्नत करने के लिए कई उपाय किए हैं।
सरकार ने इस क्षेत्र में स्वत: मार्ग के तहत 100% एफडीआई (FDI) की अनुमति दी है, जिसमें विदेशी निवेशक या भारतीय कंपनी को रिजर्व बैंक या भारत सरकार से किसी पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।
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