बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध विकास लाइफकेयर लिमिटेड ने एक्सचेंजों को सूचित किया है कि कंपनी की बोर्ड की फंड जुटाने वाली समिति ने 25 मई, 2022 को हुई अपनी हालिया बैठक में 500 मिलियन रुपये तक के क्यूआईबी इश्यू को मंजूरी दे दी है। शेष 1500 मिलियन रुपये की राशि आगे चरणबद्ध तरीके से कंपनी एकत्रित करेगी। कंपनी ने सेबी के नियमों के तहत निर्धारित मूल्य निर्धारण फॉर्मूले के आधार पर इश्यू के फ्लोर प्राइस को 4.20 रुपये प्रति इक्विटी शेयर पर मंजूरी दी।
इस महीने की शुरुआत में, कंपनी ने घोषणा की थी कि उसने एमिटी यूनिवर्सिटी (उत्तर प्रदेश, भारत) के साथ एक रणनीतिक गठबंधन बनाने के लिए एक एमओयु किया है, ताकि अपने उत्पादों को बेहतर बनाते हुए बढ़ोतरी के लिए अपनी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर्स को मजबूत किया जा सके।
इस पार्टनरशिप के तहत, विकास लाइफकेयर एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इकोफ्रेंडली प्लास्टिक और अक्षय ऊर्जा स्रोतों (रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज) पर विशेष ध्यान देने के साथ टेक्नोलॉजिकल इनोवेशंस, आइडियाज, मोलेक्युल्स, फ़ॉर्मूलेशन्स, प्रोडक्ट्स आदि के वाणिज्यिक कार्यान्वयन का चयन, मूल्यांकन और अंत में काम करेगा। इस पार्टनरशिप के तहत विकसित इनोवेशंस, टेक्नोलॉजीस और प्रोडक्ट्स पर विकास लाइफकेयर का पूर्व-अधिकार होगा।
यह ऐसी पार्टनरशिप है जिसके जरिए कई महत्वपूर्ण व्यावसायिक मूल्यों के बीच, विकास लाइफकेयर बेहतर और किफायती, उन्नत-टेक्नोलॉजी वाले प्रोडक्ट उपलब्ध करवाने के लिए एक तेज़ और प्रतिष्ठित साथी ढूंढता है।
विकास लाइफकेयर लिमिटेड (वीएलएल) एक आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित कंपनी है, जो वर्षों से प्लास्टिक, सिंथेटिक और प्राकृतिक रबड़ के लिए पॉलिमर और रबर कंपाउंड्स और स्पेशलिटी एडिटिव्स के व्यापार और निर्माण का काम करती है। कंपनी पारंपरिक रूप से पॉलिमर और रबर कमोडिटी (थोक खपत) कंपाउंड्स और मास्टर-बैच सहित विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में काम करती है। औद्योगिक और उप-उपभोक्ता अपशिष्ट और ईवीए, पीवीसी, पीपी, पीई इत्यादि जैसे स्क्रैप सामग्री से अप-साइकिल यौगिकों का निर्माण, भारत सरकार से पर्यावरण संरक्षण पहल में सीधे योगदान देता है और सैकड़ों-हजारों टन प्लास्टिक उत्पाद और पैकेजिंग सामग्री का उपयोग करके समूह के लिए अनिवार्य ईपीआर दायित्वों को पूरा करता है।
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