भारत की सबसे बड़ी बेवरेज कंपनी पारले एग्रो, फ्रूटी और ऐपी जैसे फलों से बने प्रतिष्ठित बेवरेज ब्रांड्स बनाने में अग्रणी रही है। ये पेय पदार्थ लगभग हर भारतीय के दिलों पर राज करते हैं। देश और दुनिया भर में अपने उत्पादों की व्यापक मांग को पूरा करने के उद्देश्य से, पारले एग्रो अपने आंतरिक आधारभूत संरचना को अपडेट करने में ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके साथ ही कंपनी समूचे भारत में अपने फल प्रसंस्करण साझेदारों की काबिलियत और क्षमताओं का निर्माण करने में तत्परता से काम भी कर रही है।
वर्ष 1985 से ही, पारले एग्रो ने भारत में फलों का उत्पादन करने वाले किसानों और प्रोसेसर्स के साथ लगातार काम किया है ताकि उन्हें आगे विकसित किया जा सके और उन्हें अपनी कमाई बढ़ाने के अवसर मिल पाएं। कंपनी इस दिशा में आगे बढ़ती जा रही है और उसने अपने प्रसंस्करण साझीदारों पर भारी निवेश किया है ताकि उन्हें अपनी उच्चतम क्षमता दिखाने में मदद मिल सके। इसके साथ ही कंपनी ने भारत से ही 100% स्रोत का दृढ़ संकल्प लिया है। ऐतिहासिक रूप से पारले एग्रो ने हमेशा से भारत से फलों की आपूर्ति की है और चीन से भी आयात किया जा रहा था ताकि एप्पल जूस की उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सके। लेकिन अब, कंपनी ने चीन से एप्पल जूस के आयात को पूरी तरह से बंद कर दिया है और भारतीय किसानों के अपने नेटवर्क के माध्यम से पूरी तरह से अकेले भारत से इसकी आपूर्ति की जा सके।
इस अवसर पर, शौना चौहान, सीईओ, पारले एग्रो ने कहा, “पारले एग्रो, कच्चे माल और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के मामले में हमेशा ही ‘भारत-केंद्रित’ रहेगी। हमारा लक्ष्य भारत के आर्थिक रूप से निर्माण में योगदान देकर और पूरे भारत में छोटे किसानों और एसएमई और एमएसएमई के लिये अवसर पैदा करके भारत की शानदार विकास कहानी का हिस्सा बनना है। भारत में अपने साझीदारों की क्षमताओं में सुधार लाना और उनकी क्षमताओं का निर्माण करने और बेवरेज श्रेणी में बेहतरीन उत्पाद का निर्माण करने में अग्रणी रहना हमेशा से ही हमारा लक्ष्य रहा है ।“
पारले एग्रो हमेशा ही भारत से ही अपनी आपूर्ति को पूरा करने और राष्ट्रीय रूप से अत्याधुनिक फल प्रसंस्करण क्षमताओं का निर्माण करने के लिये प्रतिबद्ध रही है, ताकि भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान में कंपनी सक्रिय रूप से और बढ़–चढ़ कर अपना योगदान दे पाये। पारले एग्रो स्थानीय रूप से प्राप्त उत्पादों का उपयोग करने से लेकर अपनी साझीदार प्रसंस्करण कंपनियों में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिये भारत के भीतर एक मजबूत नेटवर्क बनाने के लिये प्रतिबद्ध है और इस प्रकार रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न कर रही है।
भविष्य में, पारले एग्रो सभी हितधारकों जैसे कि फल उत्पादकों, अपने सहयोगी प्रोसेसर्स और सरकार के साथ निरंतर मिलकर काम करना चाहती है, ताकि उत्पादन और पैदावार को बढ़ाया जा सके। इसका लक्ष्य वर्ष 2023 तक फलों की सम्पूर्ण आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम बनना है।
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