जयपुर 25 मई: राजस्थान के सबसे प्रतिष्ठित फर्टिलिटी क्लीनिकों में से एक, नीलकंठ आईवीएफ ने नवंबर 2020 में जयपुर में अपनी सेवाएं शुरू की, 2003 में उदयपुर में पहले सेंटर के साथ एक डॉक्टर दम्पति डॉ सिमी सूद और डॉ आशीष सूद द्वारा इसकी सह-स्थापना की गई। नीलकंठ आईवीएफ, जयपुर देश भर में निःसंतान जोड़ों के लिए क्वालिटी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स उपलब्ध करा रहा है। यह निःसंतानता के इलाज से लेकर प्रसव तक हर चीज के लिए वन-स्टॉपडेस्टिनेशन के रूप में विकसित हुआ है।
नीलकंठ आईवीएफ जयपुर सेंटर विश्व स्तरीय असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) से संपन्न है ताकि निःसंतान जोड़ों को अपना परिवार शुरू करने में सहायता मिल सके। यह सुविधा आईवीएफ, आईयूआई, आईसीएसआई, फर्टिलिटी -एन्हान्सिंग लप्रोस्कोपिक और हिस्टेरोस्कोपी सर्जरीस सुरगरिएस, एम्ब्र्यो फ्रीजिंग, स्पर्म सिलेक्शन , सर्जिकल स्पर्म रिट्रीवल (टीईएसऐ , पीईएसऐ , एम-टीईएसऐ) और विट्रीफिकेशन जैसी नई तकनीकों और प्रजनन उपचार प्रदान करती है।
डॉ सिमी सूद, डायरेक्टर, सीनियर. कंसलटेंट रिप्रोडक्टिव मेडिसिन एंड फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, नीलकंठ आईवीएफ कहती हैं, “हमारा उद्देश्य देश भर में सबसे अच्छा इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट प्रदान करना है और हम आशा करते हैं कि विभिन्न शहरों में ऐसे सेंटर स्थापित करके सभी लोगों के लिए इनफर्टिलिटीट्रीटमेंट को और अधिक सरल बनाया जाए। एक सफल इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट और निःसंतान दम्पतियों के माता-पिता बनने के द्वारा परिवारों को जो खुशी मिलती है, उससे अधिक संतुष्टि हमें और कहीं भी नहीं मिल सकती है।”
डॉ आशीष सूद , साइंटिफिक डायरेक्टर, नीलकंठ आईवीएफ कहते हैं “हमारा पहला फोकस इन फर्टिलिटी मैनेजमेंट है, और हम सबसे संभव परिणाम प्रदान करने के लिए नॉनस्टॉप काम कर रहे हैं। हमारा प्रयास सभी क्षेत्रों के लोगों को इनफर्टिलिटीट्रीटमेंट उपलब्ध कराने , विशेषतः सीमित संसाधनों वाले छोटे शहरों में भी सफल निःसंतानता उपचार की सुविधाओं को पहुँचाना है ।”
नीलकंठ आईवीएफ ने अपने 19+ वर्षों सफर में हज़ारों सफल आईवीएफ किए हैं। शीर्ष भ्रूणविज्ञानियों, डॉक्टर्स और स्टाफ के सहयोग द्वारा बेहतर क्वालिटी और पेशेंट की देखभाल के लिए एनऐभीएच (NABH) पूर्व-मान्यता प्राप्त करने वाला यह राजस्थान का एकमात्र अस्पताल है। नीलकंठ के पास एक उच्च सफलता दर और कैरी-होम बेबी दर है जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफक्लीनिकों को टक्कर देती है।
नीलकंठ आईवीएफ के डायरेक्टर्स डॉ सिमी सूद और डॉ आशीष सूद को दक्षिण राजस्थान में आईवीएफ तकनीक को लाने और इस क्षेत्र में “पहले टेस्ट ट्यूब बेबी” को जन्म दिलवाने का श्रेय दिया जाता है। इनका लक्ष्य आईवीएफ द्वारा माता पिता बने सफल जोड़ों की संतुष्टि को देखना है और साथ ही साथ जो दंपत्ति अभी तक सफल नहीं हुए हैं, उनके घर में नयी खुशियों को जन्म देना है । डॉ. सिमी कहती हैं , “पिछले 19 साल कठिन रहे हैं, लेकिन हमारे पेशेंट्स की मुस्कान ने इस यात्रा को सार्थक बना दिया है क्योंकि दुनिया में माता-पिता बनने से बड़ी कोई खुशी नहीं है।”
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