भारत में सोलर पम्पस, स्टेनलैस- स्टील सबमर्सिबल पम्प, प्रेशर बूस्टर पम्प, पम्प-मोटर्स कंट्रोलर, इन्वर्टर आदि के अग्रणी निर्माता शक्ति पम्प्स (इंडिया) लिमिटेड (‘एसपीआईएल) ने आज 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाली चौथी तिमाही एवं पूर्ण वर्ष के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की है।
कंपनी के परिणामों पर बात करते हुए श्री दिनेश पाटीदार, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, शक्ति पम्प्स (इंडिया) लिमिटेड ने कहा – मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है कि शक्ति पम्प्स ने अपनी शुरूआत के बाद से पहली बार 10 बिलियन से अधिक के राजस्व की उपलब्धि हासिल की है। यह इनोवेशन एवं आधुनिक तकनीक के विकास की दिशा में हमारी टीम द्वारा एकजुटता के साथ किए गए प्रयासों की पुष्टि करता है। वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में सरकार की कुसुम योजना के कार्यान्वयन के साथ हमने राजस्व में अच्छा प्रदर्शन किया है। पूरे वित्तीय वर्ष 22 के रूझान भी कुछ ऐसे ही रहे, जहां राजस्व में 26.8 फीसदी साल-दर-साल बढ़ोतरी दर्ज की गई; अब तक का सबसे अधिक रु 11,785 मिलियन का राजस्व दर्ज किया गया। इसके अलावा मुद्रास्फीति का प्रभाव ऑपरेटिंग मार्जिन पर पड़ा, जिसके चलते मुनाफे में कमी आई।”
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, “सरकार नवीकरणीय उर्जा पर ध्यान केन्द्रित कर रही है, खासतौर पर सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए कुसुम योजना के दूसरे चरण की शुरूआत की जा चुकी है। ऐसे में आने वाले समय में कंपनी का विकास होना तय है। हमारा मानना है कि आधुनिक तकनीकों एवं नए उत्पादों (जैसे ऑटोमेटिक स्ट्रक्चर, युनिवर्सल सोलर पम्प कंट्रोलर एवं छोटे स्ट्रक्चर पम्प) के साथ आने वाले समय में हमारे रिटेल और निर्यात कारोबार में बढ़ोतरी होगी तथा कंपनी आने वाले समय में राजस्व एवं ऑपरेटिंग मार्जिन में लगातार बढ़ोतरी दर्ज करेगी।”
वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में ऑपरेशन से राजस्व 3846 मिलियन रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 3197 मिलियन रुपये था। ईबीआईटीडीए वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में 363 मिलियन रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 500 मिलियन रुपये था। कर के बाद मुनाफा 220 मिलियन रुपये रहा, जो पिछल साल की चौथी तिमाही में 305 मिलियन रुपये था।
वित्तीय वर्ष 22 के दौरान ऑपरेशन से राजस्व 11,785 मिलियन रुपये रहा, जो वित्तीय वर्ष 21 में 9297 मिलियन रुपये था, इस दृष्टि से कंपनी ने 26.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। ईबीआईटीडीए वित्तीय वर्ष 22 में 1105 मिलियन रुपये रहा, जो पिछले साल 1421 मिलियन रुपये था। ईबीआईटीडीए मार्जिन वित्तीय वर्ष 22 में 9.4 फीसदी रहा, जो वित्तीय वर्ष 21 में 15.3 फीसदी था। कर के बाद मुनाफ़ा वित्तीय वर्ष 22 में 648 मिलियन रुपये रहा, जो वित्तीय वर्ष 21 में 756 मिलियन रुपये था। कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी के कारण इसमें 14.2 फीसदी की गिरावट आई। बोर्ड ने 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 10 रुपये प्रति फेस वैल्यू वाले 2 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के लाभांश (यानि 20 फीसदी) की अनुशंसा दी है।
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