माइक्रोटेक – भारत के सबसे भरोसेमंद ब्रांडों में से एक ने अपनी शानदार सफलता के साथ आगे बढ़ना जारी रखते हुए वित्तवर्ष 2021-2022 में 26% की बढ़त दर्ज की।कंपनी ने वित्तवर्ष 2021-22 में 1700 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया।
पिछले कुछ सालों की जबरदस्त कामयाबी के साथ-साथ अपनी उत्पाद श्रृंखलाओं के विस्तार पर भरोसा रखते हुए , माइक्रोटेक ने वित्तवर्ष 2022-23 के लिए 50% से ज्यादा का विकास लक्ष्य निर्धारित किया है।
श्री सुबोध गुप्ता, सीएमडी माइक्रोटेक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, “मुझे ये कहते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि महामारी से प्रेरित चुनौतियों के बावजूद, हमने अपने व्यापार का विस्तार किया है और अपने सभी कर्मचारियों का ध्यानरखा है जो हमारे संगठन का आधार बने हुए हैं। हम देश में नंबर एक यूपीएस और इन्वर्टर ब्रांड हैं। जबकि हम बाजार में अपनी स्थिति को और बढ़ाने के लिए इन श्रेणियों पर निर्माण करना जारी रखेंगे, हमारा ध्यान सौर, विद्युत और स्वास्थ्य सेवा सहित हमारी नई श्रेणियों पर होगा ताकि इन श्रेणियों में भी उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा किया जा सके”
जबकि, पिछले दो सालों में दुनियाभर में सरकारों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और अन्य रुकावटों जैसे कई उपायों के कारण विनिर्माण और आपूर्ति-श्रृंखला गतिविधियों में गंभीर बाधाओं के कारण दुनिया के लगभग हर उद्योग को झटका लगा है । तबभी, माइक्रोटेक ने स्वास्थ्य सेवा और सौर ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों में कदम रखा है और भारत में अपने प्रभाव का विस्तार किया है और साथ ही 20+ देशों में एक निर्यात कभी है।
कंपनी ने ब्लड प्रेशर मॉनिटर, नेब्युलाइज़र, थर्मामीटर आदि उत्पादों के उत्पादन के साथ भारत के बढ़ते स्वास्थ्य सेवा बाजार में प्रवेश किया। ऑक्सीजन कांसैंट्रेटर की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, इसने पिछले साल ‘मेड इन इंडिया’ ऑक्सीजन कांसैंट्रेटर का उत्पादन भी शुरू कर दिया है।माइक्रोटेक ने पीएम केयर्स के तहत ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को 7500 ऑक्सीजन कांसैंट्रेटर की आपूर्ति की है, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्म निर्भर भारत’ सहित भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहलों को औरबढ़ावा मिला है।
श्री सौरभ गुप्ता, उप सीएमडी, माइक्रोटेक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने आगे कहा, “हम दूसरी लहर के बाद से बाजार की बढ़ती मांगों को पूरा करना चाहते थे और कोविड से पीड़ित रोगियों की सेवा करना चाहते थे। हमारा उद्देश्य एक भारतीय कंपनी द्वारा अपने देश के लिए स्वदेशी निर्माण के माध्यम से कांसैंट्रेटर की कीमत कम करना और उन्हें आसानी से पहुंचने योग्य बनाना था ।बाजार से प्रतिक्रिया जबरदस्त रहीहै।”
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