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बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड को रॉनफेन के निर्माण का पंजीकरण मिला

भारत में सबसे तेजी से बढ़ती एग्रोकेमिकल कंपनी में से एक बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड (बीएल) ने दो बड़ी घोषणाएं कीं। केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति ने गुरुवार को 437वीं आरसी मीटिंग में बीएल को धारा 9 (3) के तहत कंपनी के पेटेंट वाले बहुप्रतीक्षित तीन-गुणों वाले कीटनाशक के स्वदेशी निर्माण के लिए पंजीकरण की मंजूरी दी। कंपनी इसे रॉनफेन ब्रांड नाम से लॉन्च करेगी। बीएल ने अगस्त 2021 में रॉनफेन के लिए पेटेंट प्राप्त किया था, जिसमें पाइरीप्रोक्सीफेन 8%, डायफेनथियूरोन 18% और डाइनोटफ्यूरन 5% के सस्पेंशन कॉन्संट्रेट फॉर्मूलेशन की अद्वितीय संरचना शामिल है। इसके साथ बीएल अपनी तरह का पहला, तीन-गुणों वाला कीटनाशक संयोजन बनाने वाली पहली भारतीय एग्रोकेमिकल कंपनी बन गई है जो एक ही बार में विभिन्न चरणों में फसल चूसक कीट को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करती है।

रॉनफेन के अलावा कंपनी को इसी आरसी बैठक में पाइरिथियोबैक सोडियम यू/एस 9(4) टीआईएम श्रेणी के तकनीकी निर्माण के साथ डाइनोटेफुरन 15% + पाइमेट्रोज़ीन 45% डब्ल्यूजी के स्वदेशी निर्माण के लिए भी पंजीकरण प्रदान किया गया है। कंपनी ने इसे एक्समैन ब्रांड नाम से लॉन्च करने का फैसला किया है।

बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, विमल अलावधी ने कहा, “चूसक कीट पौधे के कई हिस्सों में छेद कर पौधे का रस चूसते हैं जिसके परिणामस्वरूप पौधे की पत्तियों, फलों या तनों पर सफेद, भूरे या लाल धब्बे पड़ जाते हैं। ये मुड़े पत्ते, विकृत फल, सामान्य रूप से पौधों के मुरझाने, भूरे होने और सूखने का कारण बन सकता है। अब तक, अपनी फसलों को चूसने वाले कीटों से बचाना भारत और दुनिया भर के किसानों के लिए एक बहुत खर्चीला था क्योंकि उन्हें विभिन्न कीटनाशकों पर पैसे खर्च करने पड़ते थे। इस समस्या को देखते हुए, हमारी रिसर्च और डेवलपमेंट टीम ने सभी चुसक कीटों के लिए क्रांतिकारी वन-शॉट समाधान रॉनफेन को विकसित किया है।“

“उन्होंने बताया कि रॉनफेन पिछले दो वर्षों से व्यापक पैमाने पर फील्ड परीक्षण का अधीन था। सभी चूसक कीट पर रॉनफेन की असरदार अविश्वसनीय शक्ति के कारण भारत और विदेशों में किसानों द्वारा बहुत इंतजार किया गया था।” दूसरी ओर, एक्समैन, अपनी दोहरी कार्य क्षमता के साथ, धान की फसल को विनाशकारी कीट बीपीएच से बचाने में मदद करता है जो सभी कृषि रसायनों के खिलाफ उच्च प्रतिरोध विकसित करता है। एक्समैन उत्पादकता स्तर पर स्वस्थ और जीवंत पौध प्रदान करता है और धान में बीपीएच से लंबे समय तक प्रतिरोध प्रबंधन में मदद करता है।

दुनिया भर में कपास, मिर्च और सब्जी उत्पादकों के लिए एफिड्स, स्केल कीड़े, मीली बग, थ्रिप्स, व्हाइट फाई, लीफहॉपर और माइट्स जैसे चूसक कीट प्रमुख समस्या रहे हैं। ये कीट फसल की उत्पादकता को कम कर मात्रात्मक और गुणात्मक दोनों तरह नुकसान पहुंचा सकते हैं। 2015 में पंजाब के मालवा क्षेत्र में फसल पर सफेद मक्खियों के विनाशकारी हमले ने लगभग 3.32 लाख हेक्टेयर में खड़ी कपास की फसल को प्रभावित किया, जिससे 4,200 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ था। दूसरी ओर, चिली थ्रिप्स और माइट्स का समय पर इलाज न किया जाए तो मिर्च की फसल पर इसकी कई पीढ़ियां का पनप सकती हैं। ये वयस्क कीट और लार्वा पत्तियों और बढ़ती हुई टहनियों से रस चूसते हैं। थ्रिप्स के प्रकोप के कारण पत्तियां छोटी, मोटी और भंगुर हो जाती हैं। इसके अलावा, पौधों को संक्रमित करने वाले अधिकांश वायरस एफिड्स और थ्रिप्स जैसे चूसक कीटों से फैलते हैं और कई चूसक कीट फंगल विकास को भी बढ़ाते हैं।