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पर्यावरण में ब्लॉक-चैन लॉन्च करने वाला पहला भारतीय एनजीओ संकल्पतरु फाउंडेशन

भारत के प्रमुख आईटी इनेबल्ड एनजीओ में से एक, संकल्पतरु फाउंडेशन ने आज ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने के लिए पॉलीगॉन के साथ जुड़ने की घोषणा की, जिसके बाद संकल्पतरु फाउंडेशन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाला पहला भारतीय एनजीओ बन जाएगा। इससे संकल्पतरु फाउंडेशन के दानदाताओं को साझा की जाने वाली जानकारियों और पेड़ों के डाटा की सत्यता की जाँच करने में मदद मिलेगी, जिससे फाउंडेशन के प्रति उनका विश्वास बढ़ेगा।

इस अवसर पर, संकल्पतरु फाउंडेशन के संस्थापक, श्री अपूर्व भंडारी ने कहा, “संकल्पतरु ने हमेशा विभिन्न रचनात्मक प्रयासों के जरिए अग्रणी भूमिका निभाई है और टेक्नोलॉजी को इस उद्देश्य के करीब लेकर लाया है। ब्लॉक-चैन ट्री यूआरएल जैसी डिजिटल जानकारी इकठ्ठा करने में मदद करता है, जिसमें ट्री इमेज, ट्री आईडी और उसकी जियो-लोकेशन जैसी बुनियादी जानकारी होती है। इसकी खासियत यह है कि एक बार इसमें जानकारी दर्ज करने के बाद उसमें अनधिकृत व्यक्ति द्वारा किसी तरह का बदलाव करने या उसे हटाने की कोई गुंजाइश नहीं होती है। ब्लॉक-चैन के जरिए हम अपने दानदाताओं और प्रायोजकों के बीच विश्वास पैदा करेंगे और उन्हें जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए लाखों पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”

ब्लॉक-चैन एक इनफार्मेशन मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी है जो अनधिकृत व्यक्ति द्वारा डाटा में किसी भी तरह के बदलाव करने, उसे हैक और करप्ट करने से रोकने के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड प्रोसेसिंग आर्किटेक्चर का उपयोग करती है। यदि कोई डेटाबेस में किसी भी एक रिकॉर्ड को बदलने या उससे छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है तो सिस्टम बाकि जानकारियों के साथ उसे क्रॉस-रेफरेंस करेगा, इस तरह आसानी से गलत जानकारी को खोजकर ठीक किया जा सकता है। यह सिस्टम घटनाओं को सटीक और पारदर्शी तरीके से दर्ज करता है। इस तरह, संकल्पतरु यह सुनिश्चित करेगा कि उसके व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट दानदाताओं द्वारा लगाए गए पेड़ कभी भी डुप्लिकेट या किसी और को फिर से नहीं सौंपे जाते हैं। डिजिटल फ़ॉरेस्ट में लगाए गए प्रत्येक पेड़ पर यूनिक डेटा और दानदाताओं को दी गई जानकारी को क्रॉस-वेरीफाई करने के लिए एक प्लेसहोल्डर होगा।