निर्यातकों और आयातकों को सिंगल विंडो लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने वाली एक प्रमुख कंपनी सीकोस्ट शिपिंग सर्विसेज लिमिटेड ने हाल ही में संपत्ति खरीदने की योजना के बारे में घोषणा की। कंपनी ने बताया कि वे 20893 मीट्रिक टन या 30000 मीट्रिक टन के बराबर ड्राई बल्क जहाज खरीदने के लिए बातचीत कर रहे हैं। फ़िलहाल इसे एग्रो कार्गो पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत और अफ्रीका के बीच होने वाले व्यापार के लिए इस्तेमाल करने की योजना है, जिससे कंपनी की आय में बढ़ोतरी होगी और वैश्विक बाजारों में कंपनी का प्रोफाइल बेहतर हो जाएगा।
इससे पहले जनवरी में, कंपनी ने यह भी घोषणा की थी कि गुजरात पोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी लिमिटेड (जीपीएलसीएल) ने गुजरात मैरीटाइम बोर्ड द्वारा एसयूपी जारी की जा रही है और जीएसएफसी ने सीकोस्ट शिपिंग सर्विसेज लिमिटेड द्वारा छोटे बंदरगाहों से बड़े बंदरगाहों तक कंटेनरों और बल्क कार्गो का बोगियों के माध्यम से समुद्री मार्ग को अपनाते हुए कोस्टल मूवमेंट को डेवलप करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
उपरोक्त परियोजना भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा जमीन पर यातायात को कम करने के लिए बनाई गई सागर माला योजना की ओर पहला कदम होगा, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद होने के साथ ही अत्यधिक लागत प्रभावी एक्ज़िम ट्रेड होगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उपरोक्त परियोजना 200 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार को बढ़ाएगी, जिससे राजस्व आय में अत्यधिक विद्धि होगी। इसके अतिरिक्त वर्तमान व्यवसाय के लिए और 100 कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।
एसएसएसएल ने लंबे समय तक साथ काम करने के लिए जीपीएलसीएल को जॉइंट वेंचर बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे सरकार की नीति के अनुसार लागू करने की प्रक्रिया जारी है।
जनवरी में कंपनी ने यह भी घोषणा की कि उसने थोक कार्गो शिपमेंट के लिए अफ्रीकी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम (जेवी) बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।
कंपनी कार्गो के ट्रांसपोटशन ले लेकर निर्यात तक निर्बाध सेवाओं के माध्यम से संपूर्ण मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स प्रदान करती है। यह दुनिया भर में ड्राई बल्क कार्गो के समुद्री परिवहन के लिए वन-स्टॉप सोल्यूशन देती है।
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