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भूजल की कमी से निपटने के लिए देगा जायका फंडिंग सोल्यूशन्स

विश्व जल दिवस के अवसर पर जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जायका) ने इस बात को दोहराया कि वह भारत में पानी की कमी से जुड़े मुद्दों को हल करने को लेकर प्रतिबद्ध है। 22 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व जल दिवस के लिए इस वर्ष की थीम ग्राउंड वाटरमेकिंग द इनविजिबल विजिबल रखी गई है। इस वर्ष की थीम और पानी की कमी, प्रदूषण व पानी के समान वितरण जैसे विषयों पर ध्यान देते हुए जायका ऐसे कई प्रोजेक्ट्स को सहयोग दे रही है, जो पीने के पानी की साफ और पर्याप्त सप्लाई करने में मदद कर सकते हैं।

जायका ने देश के विभिन्न राज्यों में रूरल वाटर सप्लाई एंड फ्लोरोसिस मिटिगेशन प्रोजेक्ट्सवाटर सप्लाई एंड सीवरेज प्रोजेक्ट्स के साथसाथ सिंचाई और आजीविका में सुधार लाने से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स को चलाया है। इन प्रोजेक्ट्स का मुख्य उद्देश्य सभी को पानी की सुरक्षित और पर्याप्त सप्लाई पहुंचाना, प्राकृतिक संसाधनों और क्षेत्र में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सीवरेज सुविधाओं का विस्तार करना, कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी करना और देश में पानी की कमी को दूर करने के लिए सही रणनीति बनाना है।

हमारे लिए यह बहुत ज़रूरी है कि इस अवसर पर हम पानी के महत्व और हमारे जीवन पर उसके असर को स्वीकार करें, क्योंकि हम सभी जलवायु परिवर्तन के बढ़ते असर का सामना कर रहे हैं। भारत जैसे देश में जहां आबादी के मुकाबले संसाधन अक्सर कम पड़ते हैं, वहां हमें सस्टेनेबल और कुशल तरीके से पानी का इस्तेमाल करने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लाने होंगे।

जायका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि, श्री साइतो मित्सुनोरी ने कहा, “ऐसे कठिन समय में जहां कुछ भी निश्चित नहीं है, हमें अपने सबक सीखने चाहिए और इस बात पर बहुत ध्यान देना चाहिए कि पृथ्वी के घटते संसाधनों का इस्तेमाल कैसे किया जाए। खासतौर से

भारत जैसे देशों के लिए यह बात ज़्यादा महत्वपूर्ण है जहां ताजे पानी के संसाधन बहुत सीमित हैं और लाखों लोग हर दिन पानी की कमी से जूझ रहे हैं। पानी हमारे जीवन से जुड़े क्षेत्रों जैसे सामाजिक, आर्थिक और निजी जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साफ पानी, पर्याप्त सप्लाई और प्रभावी सैनिटेशन तक सभी की पहुंच होनी चाहिए। हालांकि हम जल्द ही इस कठिन समय से बाहर निकल सकते हैं, लेकिन यह ज़रूरी है कि हम भविष्य में अपने लिए पानी का संकट न पैदा करें। भूजल का सस्टेनेबल तरीके से इस्तेमाल करके इनविजिबल को विजिबल बनाकर सभी को पानी और सैनिटेशन मुहैया करवाने के लिए एसडीजी की थीम “लीव नो वनबिहाइंड” को लागू करना बहुत महत्वपूर्ण है।

जापान ने ओडीए ऋण के ज़रिए भारत के वाटर और सैनिटेशन सेक्टर को  50,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का सहयोग दिया है। इसके तहत 38 ओडीए ऋण, 4 ग्रांट ऐड देने के साथ ही 12 टेक्निकल कोऑपरेशन प्रोजेक्ट चलाए गए। जायका के प्रोजेक्ट्स के ज़रिए लगभग 30 मिलियन लोगों तक पानी की सप्लाई पहुंचाई गई है और 15 मिलियन लोगों को सैनिटेशन की सुविधा मिली है। जायका जीवन को बेहतर बनाने के लिए भविष्य में भी इस तरह के प्रोजेक्ट्स को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।