किसानों के लिए पशुपालन और मछली पालन के क्षेत्र में विविधिता के लिए कार्य कर रहे एआई और आईओटी आधारित चेन्नई स्थित स्टार्टअप एग्रोमलिन ने हाल ही में राजस्थान के अजमेर में उच्च तकनीक से युक्त विशेष बकरी फार्म शुरू किया है। इस फार्म की क्षमता 3,000 बकरी पालन की है।
भारत में किसानों के सामने बकरी पालन में खरीदने और बेचने दोनों ही क्षेत्रों में गंभीर चुनौतियां हैं। खरीदारी के मामले में गुणवत्तापूर्ण नस्ल का अभाव है, साथ ही बकरियों के स्वास्थ्य और बकरी फार्म के प्रबंधन का ज्ञान भी सीमित है। वहीं, बेचने के मामले में माल की उचित कीमत, समय पर भुगतान और किसान एवं खरीदार के बीच कई तरह के बिचौलिये आदि चुनौतियां हैं। ये सभी कारक किसान की आय को प्रभावित करते हैं। नए फार्म की शुरुआत के साथ एग्रोमलिन ने इन चुनौतियों से निपटने का प्रयास किया है।
एग्रोमलिन एक एक ऐसा केंद्र है जहां कोई किसान अपना बकरी फार्म शुरू करने के लिए एक ही स्थान पर अच्छी गुणवत्ता वाली बकरियां खरीद भी सकता है, साथ ही अपनी बकरियां बेच भी सकता है। इसके साथ ही एग्रोमलिन किसानों को निशुल्क पशु चिकत्सा सहायता, गुणवत्तापूर्ण चारे की व्यवस्था आदि में भी मदद करता है। साथ ही बकरे का वजन 20 किलोग्राम से अधिक होने पर बाजार भाव पर वापस खरीदने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करता है और बिचौलियों को बीच से हटाता है।
अपने बकरे/ बकरियां बेचने के लिए किसान हमारे अजमेर स्थित अकाई गोट सेंटर आ सकते हैं, जैसे वे किसी मंडी में जाते हैं। या फिर 01414937270 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं, जहां अकाई के विशेषज्ञ उनसे उनके बकरी/बकरा बेहतरीन कीमत पर खरीद लेंगे। उनको केवल एक बैंक खाते का विवरण देना है जिसमें उनको पैसा मिल जाएगा, वह भी केवल 10 मिनट में। वर्तमान में एग्रोमलिन की क्षमता रोजाना 1500 से 2000 बकरे खरीदने की है जिसमें सभी तरह के बकरे प्रति किलोग्राम वजह के आधार पर खरीदे जाते हैं। कोई भी किसान हमारे बकरी विशषज्ञों से टॉल फ्री नंबर पर बात कर सकता है और फार्म पर पहुंचे बिना भी अपने प्रश्नों का समाधान पा सकता है।
अजमेर फार्म की शुरुआत पर अपनी प्रतिक्रिया में एग्रोमलिन के सह-संस्थापक और सीईओ श्री प्रसन्ना मनोगरन ने कहा, ‘यह एक क्रांतिकारी कदम है। फिलहाल किसान को अपने बकरे/बकरियां बेचने के लिए कई स्तर पर बिचौलियों से निपटना पड़ता है। उनको पैसा भी अग्रिम नहीं मिलता है। हमारी अनूठी पहल से उनकी दोनों ही समस्याओं का समाधान हो गया है।’
उन्होंने कहा, ‘बकरी पालन के लिए राजस्थान की देशभर में पहचान है और देश में बकरे/बकरियों की सबसे ज्यादा संख्या भी यहीं है। हालांकि बकरे के मीट और अन्य उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता राजस्थान नहीं है। अजमेर में बकरी फार्म स्थापित करने के रणनीतिक फैसले के पीछे हमारा उद्देश्य यहां छोटे और सीमांत बकरी पालकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना है। यहां पर किसान बकरियां खरीदने और बेचने के साथ ही बकरी पालन की वैज्ञानिक विधियां सीखकर अपने उत्पाद की गुणवत्ता सुधार सकते हैं।’
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