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कोरुगेटेड बॉक्स उद्योग संकट में

उत्पादन खर्च में बेहद वृद्धि होने और उसके परिणामस्वरुप पिछले २ वर्ष में सप्लाई बाधित हो जाने से देश कोरुगेटेड बॉक्स उद्योग संकट में आ गया है। हाल के महीनों में क्राफ्ट के सभी ग्रेड का भाव लगभग 25 प्रतिशत बढ़ गया है। इससे पिछले 2 वर्षों में प्रति किलो 20 रुपये की कुल वृद्धि हुई है।

इंडियन कोरुगेटेड केस मैनुफक्चरर एसोसिएशन (इकमा) के प्रमुख संजय राजगरिया ने बताया की क्राफ्ट पेपर मिलों की मुख्य कच्ची सामग्री आयातित वेस्ट कटिंग है। पिछले 2 वर्षों में इसका भाव 3 गुना से अधिक बढ़ गया है। मेट्रिक टन का भाव जो पहले 100 यूएस डॉलर था वह बढ़ कर अब 330 यूएस डॉलर हो गया है। कंटेनर फ्रेट 4 गुना बढ़ गया है और लॉजिस्टिक फुट के कारण स्टॉक की स्तिथि बिगड़ी है। आयातित वेस्ट कटिंग्स का भाव बढ़ने के साथ साथ देशी वेस्ट पेपर का भाव भी बढ़ा है। इससे तेल में घी डालने का काम हुआ है। इसके अलावा पिछले बजट में सरकार ने सभी प्रकार वेस्ट कटिंग के आयात २.५ प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगा दी है। क्रूड तेल का भाव १०० डॉलर से बढ़ गया है। कोयले का भाव भी बढ़ रहा है थ्रेट और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ा है। एनर्जी संकट के कारण एनर्जी कॉस्ट बढ़ा है अन्य कच्ची सामग्री में स्टार्च का भाव पिछले ४-५ महीने में प्रति किलो ८ रुपये जितना बढ़ा है। इंक, वायर आदि का भाव भी बढ़ा है। मानव बल भी महंगा हुआ है।

इकमा के प्रेसिडेंट: एमिरेट्स किरीट मोदी ने बताया की बॉक्स युनिटो का कन्वर्शन कॉस्ट लगभग ५० प्रतिशत जितना बढ़ गयी है ।

कोरुगेटेड बॉक्स की जीएसटी दर १ अक्टूबर २०२१ से १२ प्रतिशत से बढ़कर १८ प्रतिशत हो गयी है। दूसरी तरफ उत्पादन खर्च में अधिक वृद्धि से वर्किंग कैपिटल फंड की आवश्यकता पड़ी है।

इंटरनेशनल क्राफ्ट पेपर और पल्प का भाव फिलहाल सर्वोच्च स्तर पर है। इसके अलावा सभी इंटरनेशनल पेपर और पल्प मिलें फुल बुक है और डिलीवरी के लिए लम्बा समय कोट कर रहे है।

इकमा के उप प्रमुख हरीश मदन ने बताया की कोरुगेटेड बॉक्स उद्योग को इस संकट से बचाने के लिए कुल कॉस्ट में कम से कम २० प्रतिशत की भाव वृद्धि करना आवश्यक है। सभी उत्पादित चीज़ वस्तु अच्छी पैकेजिंग में सप्लाई हो सकती है और प्रधानमंत्री का मेक इन इंडिया का स्वप्न साकार हो सके उसके लिए जरुरी है।

भारत के कोरुगेटेड बॉक्स उद्योग में ४०० से अधिक ऑटोमैटिक कोरगेटर्स और १०००० से अधिक सेमि -ऑटोमैटिक यूनिट है। अधिकांश इकाइयां एमएसएमइ क्षेत्र की है। उद्योग में ७ लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है।

कोरुगेटेड बॉक्स यह पर्यावरण प्रेमी उद्योग है जो वार्षिक ७५ लाख मेट्रिक टन रीसाइकल्ड क्राफ्ट पेपर का उपयोग करता है और 100 प्रतिशत रेसिक्लेबल कोरुगेटेड बॉक्स का उत्पादन करता है। इसके मार्केट का कद 40000 करोड़ रुपये का है।