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अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने शुरू किया ‘आयुष स्टार्ट-अप चैलेंज’

स्टार्ट-अप्स को समर्थन देने की केंद्र सरकार की पहल के अनुरूप अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) ने आयुर्वेद सेक्टर और वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों और नए स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप इंडिया के साथ मिलकर ‘आयुष स्टार्ट-अप चैलेंज’ शुरू किया है। ‘आयुष स्टार्ट-अप चैलेंज’ के विजेताओं को एआईआईए की तरफ से नकद पुरस्कार एवं प्रक्रियागत सहयोग (इनक्यूबेशन सपोर्ट) दिया जाएगा।

आयुष बाजार का आकार वर्तमान समय में 10 अरब डॉलर का है और अगले पांच साल में इसमें 50 प्रतिशत की उत्कृष्ट वृद्धि का अनुमान है। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया में ‘वैकल्पिक’ चिकित्सा पद्धतियों को लेकर रुचि बढ़ी है, तब आयुष सेक्टर में तेज विकास की व्यापक क्षमता है। आयुष मंत्रालय ने भारत की मिट्टी एवं यहां के इतिहास से जुड़ी इस चिकित्सा पद्धति पर शोध एवं समझ को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) ऐसा परिवेश बनाने की दिशा में सक्रियता से काम कर रहा है, जिसमें शोध एवं विकास, प्रक्रियाओं व प्रौद्योगिकी को विकसित करने और ऐसे समाधान को खोजने का अवसर मिले, जिससे आयुष पद्धतियों को तेजी से अपनाया जा सके। इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में ‘आयुष स्टार्ट-अप चैलेंज’ एक महत्वपूर्ण पहल है।

इस मौके पर एआईआईए की डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा मनोज नेसारी ने कहा, ‘हम आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देश में चिकित्सा विज्ञान की तीन शाखाओं– अकादमिक, वैज्ञानिक शोध और क्लीनिक प्रैक्टिस को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराते हुए एआईआईए को एक प्रतिष्ठित संस्थान बनाना चाहते हैं। आयुष विज्ञान की क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के लिए हमें इस पूरी मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) में काम कर रहे लोगों के साथ एक बेहतर परिवेश का निर्माण करना होगा। नए समाधान विकसित करने में स्टार्ट-अप्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य मात्र संभावनाओं से भरे स्टार्ट-अप्स को खोजना और उन्हें पुरस्कृत करना ही नहीं है, बल्कि उन्हें दिशानिर्देशों और कौशल विकास के माध्यम से प्रक्रियागत समर्थन भी दिया जाएगा, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और वे विकास के अगले चरण में कदम बढ़ा सकेंगे।’

‘आयुष स्टार्ट-अप चैलेंज’ में नए स्टार्ट-अप के साथ-साथ समूह के रूप में भी लोगों को प्रतिभाग का मौका मिलेगा। तीन से पांच लोग समूह के रूप में साथ मिलकर इसमें हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि जीतने की स्थिति में नकद पुरस्कार प्राप्त करने से पहले उन्हें वैधानिक रूप से एक कंपनी पंजीकृत करानी होगी।

इसमें हिस्सा लेने के लिए स्टार्ट-अप्स की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं – आयुष फूड इनोवेशंस, आयुष बायो इंस्ट्रूमेंटेशन (हार्डवेयर से जुड़े समाधान) और आयुष आईटी सॉल्यूशंस (सॉफ्टवेयर से संबंधित समाधान)। सभी तीन श्रेणियों में दो-दो विजेता होंगे, जिनमें से एक विजेता को 1 लाख रुपये और रनर अप को 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इस तरह से कुल 6 विजेता चुने जाएंगे।

इसके अतिरिक्त विजेताओं को एआईआईए से इनक्यूबेशन सपोर्ट भी मिलेगा। इसके तहत विजेताओं को संस्थान की तीनों शाखाओं शोध, अकादमिक एवं अस्पताल के वृहद ज्ञान एवं संसाधनों से लाभ पाने का अवसर मिलेगा।