कोविड के दौर में एक ओर जहां चलती ट्रेनों में लोगों को पैंट्री का खाना तक नसीब नहीं था, वहीं दूसरी ओर आईआरसीटीसी के ऑथराइज्ड फ़ूड डिलीवरी सर्विस पार्टनर रेल-रेस्ट्रो लोगों की इस समस्या को दूर करती चली गई। महामारी के दौर में भी रेल-रेस्ट्रो लोगों को चलती ट्रेनों में स्वच्छ, गुणवत्ता युक्त व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराती रही। लेकिन, इसमें रेल यात्रियों के साथ सबसे बड़ी समस्या उनके ऑर्डर को उचित समय पर डिलीवर नहीं होने की थी। इसे ही दूर करने के लिए रेल-रेस्ट्रो एक बड़ी योजना पर काम कर रही है, जो आने वाले समय में रेल यात्रियों के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। जैसे, आपके घरों में स्वीगी व जोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय आपके ऑर्डर किए हुए खाने को डिलीवर करते हैं, ठीक उसी प्रकार से चलती ट्रेनों में आपकी सीटों पर रेल रेस्ट्रो के डिलीवरी ब्वॉय एक-से-बढ़कर एक स्वादिष्ट व लज़ीज़ व्यंजन परोसेंगे। इसे ज़मीनी स्तर पर सुचारू रूप से लागू करने के लिए रेल रेस्ट्रो भारत के टॉप-100 रेलवे स्टेशनों पर अपना ख़ुद का डिलीवरी फ्लीट की शुरुआत करने जा रही है। फिलहाल, ट्रायल फ़ेज़ के तौर पर भारत के कुछ चुनिंदा रेलवे स्टेशनों पर रेल यात्रियों को इसकी सर्विस मिल रही है। रेल रेस्ट्रो के फाउंडर व डायरेक्टर मनीष चंद्रा ने बताया कि पहले जहां रेल यात्रियों को अपने ऑर्डर के लिए घटों इंतज़ार करना पड़ता था, वहीं अब ख़ुद के डिलीवरी फ्लीट की शुरुआत हो जाने से रेल यात्रियों को ऑर्डर के 30 मिनट में ही खाना डिलीवर हो जाएगा। साथ ही इसका दूसरा पहलू यह है कि खाना के स्वच्छता और गुणवत्ता के साथ-साथ इसकी पैकेजिंग का भी विशेष ख़्याल रखा जा सकता है।
नॉर्थ-इंडियन, साउथ इंडियन कॉम्बो ज़ायक़े के साथ अपनी सीटों पर स्पेशल चाय की ले सकते हैं चुस्की
रेल-रेस्ट्रो शुरू से लेकर अब तक अपने रेल यात्रियों के खाना का ख़ास ध्यान रखते आई है। कंपनी ने रेल यात्रियों के लिए इस बार नए और आकर्षक मेन्यू तैयार किया है। इसमें नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन कॉम्बो, बिरयानी आदि शामिल है। चाय प्रेमियों के लिए भी विभिन्न वैरायटी को मेन्यू में शामिल किया गया है। यात्रियों को उनकी सीटों पर स्पेशल चाय बॉक्स की पैकेजिंग के साथ गरमा-गरम चाय सर्व किया जा रहा है। इसके अलावा रेल-रेस्ट्रो रेल यात्रियों व उनके परिवारवालों के लिए स्पेशल सरप्राइज़ की भी प्लानिंग करती है। इसमें यात्रियों व उनके परिवारवालों के जन्मदिन, एनिवर्सरी जैसे अवसर पर चलती ट्रेनों में उनकी सीटों पर केक, बर्गर, पिज्जा व अन्य खाद्य-पदार्थ डिलीवर कर रही है। साथ ही रेल-रेस्ट्रो एप से माँ अपने बच्चों के लिए गर्म दूध भी अपनी सीट पर मँगवा सकती हैं।
एसी क्लास से लेकर जनरल डब्बे में यात्रा करने वालों को उनके बजट में खाना डिलीवर करने का है लक्ष्य
कंपनी के फाउंडर व डायरेक्टर मनीष चंद्रा ने बताया कि रेल रेस्ट्रो ने अपनी सर्विसेज़ को एक अच्छे बिज़नेस मॉडल में टर्न-अप किया, साथ ही इसे प्रॉफिटेबल भी बनाया। उनका लक्ष्य है कि वे ट्रेन के एसी क्लास से लेकर जनरल डब्बे में सफ़र करने वाले रेल यात्रियों को उनके बजट में खाना डिलीवर करें। फ़िलहाल, प्रतिदिन रेल रेस्ट्रो 12 हज़ार से लेकर 15 हज़ार लोगों को चलती ट्रेनों में खाना डिलीवर कर रही है। आने वाले समय में प्रतिदिन 1 लाख मील्स चलती ट्रेनों में रेल यात्रियों को उनकी सीटों पर डिलीवर करने का कंपनी का लक्ष्य है। इसके लिए कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी हर दिन एक नए जोश और उमंग के साथ काम को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
खाना डिलीवर करने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का भी सख़्ती से हो रहा है पालन
रेल रेस्ट्रो चलती ट्रेनों में रेल यात्रियों को कॉन्टैक्टलेस फ़ूड डिलीवर कर रही है। खाना डिलीवर करने से पहले रेस्टोरेंट की टीम व डिलीवरी ब्वॉयज की प्रतिदिन थर्मल स्कैनिंग की जाती है। साथ ही उनके कोविड टीकाकरण, मास्क व ग्लव्स की जाँच होती है। इसके अलावा खाना डिलीवर होने तक हरेक स्टेप पर सैनेटाइजेशन का ख़ास ख़्याल रखा जाता है।
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