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जीजेईपीसी ने सरकार को आभार व्यक्त किया

जीजेईपीसी भारत सरकार औऱ माननीया वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में निर्यात वृद्धि उन्मुख केंद्रीय बजट पेश करने के लिए सरकार को अभिनंदन व आभार व्यक्त करता है।

भारत में रत्न और आभूषण क्षेत्र केंद्रीय बजट 2022-23 में रत्न और आभूषण उद्योग को दिए गए सरकारी समर्थन के लिए आभारी है। ऐसे कई अनुकूल नीतिगत सुधारों की घोषणा की गई है जो उद्योग को और अधिक सशक्त बनाएंगे हैं और आने वाले दशक में विकास के अवसरों को भुनाने के लिए इसे मजबूती प्रदान करेंगे।

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष विपुल शाह ने कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कुछ बहुत आवश्यक सुधारों की घोषणा की है जो आने वाले वर्ष में इस क्षेत्र को कई गुना विकास के लिए प्रेरित करेंगे, इस प्रकार पिछले कुछ दसकों के मामूली प्रदर्शनों में भी सुधार देखने को मिलेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च पर जोर इंडिया ज्वैलरी पार्क मुंबई (आईजेपीएम) के लिए अच्छी खबर है, जिससे इससे काफी फायदा होगा। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि इन सुधारों से भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता का स्तर एक नए स्तर पर पहुंच जाएगा।

कॉलिन शाह ने आगे कहा, सरकार ने ई-कॉमर्स की क्षमता व इसके महत्व को समझा है और ई-कॉमर्स मार्ग के माध्यम से रत्न और आभूषण निर्यात की सुविधा के लिए जून 2022 तक एक सरल नियामक ढांचे को लागू करने का प्रस्ताव दिया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हर जिले के ज्वैलर्स देश में अपने उत्पादों को तेजी से और किफायती तरीके से विदेशों में भेजने में सक्षम होंगे। यह समय की मांग है क्योंकि अमेरिका और उपभोक्ता बाजारों में आभूषणों की ई-कॉमर्स बिक्री तेजी से बढ़ रही है। इस उपाय से हमें उम्मीद है कि अगले 5 सालों में इस उद्योग जगत से हम 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक निर्यात को ले जा सकते हैं।

कॉलिन शाह ने कहा कि “माननीया वित्त मंत्री द्वारा एसईजेड अधिनियम में परिवर्तन करके एक नई एसईजेड व्यवस्था लाने की घोषणा हमारे क्षेत्र के लिए एक और बड़ी राहत है क्योंकि एसईजेड से निर्यात तीव्र गति से बढ़ रहा है और इसमें आभूषणों के निर्माण और निर्यात में थ्क्प् प्राप्त करने की क्षमता है। एसईजेड से और अगले तीन वर्षों के भीतर देश के निर्यात को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना है।”

भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है और देश डायमंड प्रोसेसिंग में निर्विवाद लीडर है। जीजेईपीसी को उम्मीद है कि वह इस सफलता को ज्वैलरी वर्टिकल में भी दोहराएगा और भारत को दुनिया में ज्वलेरी हब बनने में मदद करेगा।

जीजेईपीसी आभारी है कि सरकार ने कट और पॉलिश किए हुए डायमंड, रत्नों और स्वान डायमंड पर सीमा शुल्क को कम करने की सिफारिश पर विचार किया। अपने केंद्रीय बजट भाषण में, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि कट और पॉलिश किए गए डायमंड और कलर्ड जेम स्टोन पर सीमा शुल्क 7-5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि सिम्पली स्वान डायमंड पर शून्य शुल्क लगाया गया है।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा, भारतीय  रत्न और आभूषण क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है और देश डायमंड प्रोसेसिंग में निर्विवाद लीडर है। कट और पॉलिश किए गए डायमंड पर आयात शुल्क को घटाकर 5 प्रतिशत करने से इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत करने और अपनी नेतृत्व की स्थिति को बनाए रखने में मदद मिलेगी।