प्योर फ्लोर यूरोप ने भारत में शुद्ध आटे की पेशकश की है। प्योर फ्लोर बेस्ट क्वालिटी के इस यूरोपियन आटे से दो काफी साधारण और स्वादिष्ट रेसिपी बनाई जा सकती है। इसमें से एक क्लासिक पिज्जा और मार्गरीटा और दूसरा मुलायम और हल्का इटालियन पैराडाइज केक है।
आटा खाना बनाने के लिए अद्भुत आवश्यक सामग्री है, जिसका किचन में काफी अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। पिज्जा को बेक करने, फोकाशिया ब्रेड, केक, स्पॉन्ज केक, टार्ट बिस्कुट, ब्रेडस्टिक्स बनाने, क्रेप्स के पैनकेक , डंपलिंग (आटे में लिपटा हुआ खास पदार्थ की फिलिंग) में यह आटा काम में आ सकता है। इसके अलावा सभी तरह के कस्टर्ड बनाने, फ्रिटर बैटर बनाने, सभी तरह के सॉस बनाने और तलने के लिए किसी पदार्थ की कोटिंग के लिए भी इस आटे का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा भी यूरोपियन आटे का कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। बेकिंग और खाना पकाने के लिए अच्छा आटा बहुत जरूरी है।
बेकिंग के लिए आटे की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या होती है? बेकिंग के समय सबसे महत्वपूर्ण चीज आटे की मजबूती, उसकी पानी सोखने की क्षमता, उसका ग्लूटेन कंटेंट और वह “जादू” होता है, जिससे आटे को बेहतरीन ढंग से गूंथा जा सकता है।
मजबूत, कमजोर और मध्यम दर्जे के आटे में क्या अंतर होता है? मजबूत आटे का प्रयोग उन प्रॉडक्ट्स को बनाने में किया जाता है, जिसमें लंबे समय तक खमीर की जरूरत होती है। उसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है, जो उन्हें कार्बन डाई ऑक्साइड को रोकने में मदद करता है। इससे फूली हुई और अच्छी रोटी या ब्रेड बनती है। दूसरी तरफ कमजोर आटे में प्रोटीन कम होता है। इसे ब्रेड स्टिक्स और बिस्कुट बनाने में प्रयोग किया जाता है। मध्यम आटा पेस्ट्री, टार्ट और केक बनाने के लिए बिल्कुल परफेक्ट है। इसके अलावा स्पेशल आटा भी होता है, जो कमजोर आटे को मजबूत बनाता है। यह आटा स्पेश्यलिटी ब्रेड बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। वह अपने वजन का 90 फीसदी तक पानी सोख लेते हैं।
विज्ञान और इतिहास : फ्लोर शब्द फ्लावर से आया है, जो कि पिसे हुए आटे का सबसे बेहतरीन रूप होता है। नरम और ड्यूरम गेहूं का आटा “ग्रासेज” या प्राचीन खेती से संबंधित फसलों से संबंधित हैं। हम इस अनाज को पीस कर ट्रिट्रिकुमेस्टिवम (सामान्य आटा) या ट्रिट्रिकम ड्यूरम (ड्यूरम आटा) प्राप्त करते है। सामान्य गेहूं से महीन और परिष्कृत आटा प्राप्त किया जाता है। पास्ता का आटा या सेमोलिना मोटे अनाज से प्राप्त किया जाता है। इसे ड्यूरम गेहूं से हासिल किया जाता है। आटे के पोषक तत्वों में सबसे प्रमुख तत्व स्टार्च और ग्लूटेन हैं। गेहूं में भी खनिज तत्व, विटामिन, चीनी डेक्सट्रिन, गम्स और कम मात्रा में वसायुक्त पदार्थ होते हैं। संक्षेप में कहा जा सकता है कि गेहूं का एक दाने में 70 फीसदी कार्बोड्राइड्रेट , 13 फीसदी प्रोटीन, 2 फीसदी फैट और 11.8 फीसदी खनिज लवण समेत दूसरे विटामिन और आवश्यक तत्व होते हैं।
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