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विश्वराज शुगर को एथेनॉल की भाव वृद्धि से लाभ होगा

एक प्रमुख चीनी और एथेनाल खिलाड़ी, विश्वराज शुगर इंडस्टरीज (वीएसआईएल) ने कहा कि दिसंबर से शुरू होने वाले 2021– 22 मार्केटिंग वर्ष के लिए सरकार के एथेनाल का भाव 1.47 रूपये प्रति लीटर बढ़ाने के निर्णय से कंपनी को लाभ होगा और कंपनी की बिक्री वित्त वर्ष 23 में  520-550 करोड़ रूपये पर पहुंचने की उम्मीद है, जब कर्नाटक में उसकी 100 केएलपीडी एथेनाल यूनिट कार्यान्वित हो जाएगी, यहां कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने रिपोर्टरों को यह जानकारी दी।

सरकार ने हाल में 1 अप्रैल 2023 तक 20 प्रतिशत डोपिंग हासिल करने के अपने लक्ष्य के भाग रूप में दिसंबर से शुरू होने वाले 2021-22 मार्केटिंग वर्ष के लिए पेट्रोल में मिलाने के लिए गन्ना से प्राप्त एथेनाल के भाव में  1.47 रूपये प्रति लीटर की भाव वृद्धि की है। पेट्रोल में एथेनाल ज्यादा मिलाने से भारत के तेल आयात बिल में कटौती करने में मदद मिलेगी तथा गन्ना किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों को भी फायदा होगा।

दिसंबर 2021 से शुरू होने वाले आपूर्ति वर्ष के लिए गन्ना जूस से निकलने वाले एथेनाल का मूल्य वर्तमान  62.65 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर 63.45 रूपये प्रति लीटर हो गया है। सी-हैवी मोलासिस के एथेनॉल का भाव वर्तमान 45.69 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर  46.66 रूपये प्रति लीटर हो गया है जबकि बी-हैवी के एथेनॉल का भाव 57.61 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर  59.08 रूपये हो गया है। चीनी उत्पादन को सीमित करने और एथेनाल का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने एथेनॉल उत्पादन के लिए बी-हेवी मोलासिस,गन्ना जूस, चीनी और चीनी सिरप को परिवर्तित करने की अनुमति देने सहित बहुत से कदम उठाए हैं।

कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, मुकेश कुमार ने बताया कि मजबूत चीनी मूल्य और एथेनाल की भाव वृद्धि के कारण कंपनी का बिक्री टर्नओवर वित्त वर्ष 21 के 427 करोड रूपये से बढ़कर वित्त वर्ष 22 में 480-500 करोड रूपये पर और वित्त वर्ष 23 में 550 करोड रूपये पर पहुंचने की संभावना है।

कुमार ने कहा,” हमारी विस्तार योजनाओं के भाग रूप में हम कर्नाटक के बेलगाम जिले में150 करोड़ की अनुमानित लागत से 100 केएलपीडी एथेनाल क्षमता की डिस्टलरी यूनिट स्थापित कर रहे हैं। ईंधन की बढ़ती मांग को देखते हुए हम  सरकार द्वारा 1 दिसंबर से शुरू होने वाले नए कांट्रैक्ट में एथेनाल के लिए लगभग  2-3 रूपये प्रति लीटर की भाव वृद्धि किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। कंपनी ने कर्नाटक में डिस्टलरी सुविधा के साथ ग्रीन फील्ड चीनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए 250 करोड़ रूपये की विस्तार योजना भी तैयार की है जिसके लिए उसने पर्यावरण मंजूरी के लिए आवेदन किया है।

कुमार ने कहा कि भारत प्रमुख चीनी उत्पादक देश है और नया चीनी सीजन, जो अक्टूबर से शुरू हुआ है, के दौरान चीनी उत्पादन 310 लाख टन होने का अनुमान है, जो गत वर्ष जितना होगा  लेकिन ज्यादा डिस्टलरी होने के कारण एथेनाल का उत्पादन पर्याप्त रूप से बढ़ेगा। कंपनी मोलासिस और चीनी सिरप से रेक्टिफाइड स्पिरिट, एनहाइड्रस एथेनॉल और एक्स्ट्रा न्यूट्रल स्प्रिट जैसे डिस्टलरी उत्पादों का निर्माण करती है। भारत सरकार द्वारा कर्नाटक राज्य में बेलगाम जिला चीनी उत्पादन के लिए “हाई रिकवरी जोन“ के रूप में निर्दिष्ट है।

उन्होंने कहा कि दोनों चीनी और एथेनाल का भाव मजबूत रहने की उम्मीद है। स्थानीय बाजार में बाजार के घटकों के कारण चीनी का भाव मजबूत है और ब्राजील में फसल विफल होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में भावमजबूत बना रहेगा। चीनी निर्माता अच्छी स्थिति में हैं क्योंकि उत्पादक निर्यात की मदद और सरकार द्वारा एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिए जाने से उनकी स्थिति में उल्लेखनीय बदलाव देख रहे हैं। इससे उद्योग को बड़े पैमाने पर चीनी की सरप्लस स्थिति पर काबू पाने में मदद मिलने की उम्मीद है।