एचडीएफसी बैंक ने यूएनडीपी इंडिया के साथ भागीदारी में ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। इस एमओयू के तहत शहर में एक स्वच्छता केन्द्र (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) की स्थापना की जाएगी। इस सुविधा से ग्रेटर नोएडा के लोगों को फायदा होगा। बैंक ने अपने फ्लैगशिप सीएसआर प्रोग्राम ‘परिवर्तन’ के अंतर्गत इस प्रोजेक्ट को स्पॉन्सर करने के लिये लगभग 3 करोड़ रूपये का आवंटन किया है।
एचडीएफसी बैंक में सीएसआर, बिजनेस फाइनेंस एंड स्ट्रेटजी, एडमिनिस्ट्रेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर की ग्रुप हेड आशिमा भाट ने कहा, “परिवर्तन’ के माध्यम से हम देश के 8.5 करोड़ से ज्यादा लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर चुके हैं। पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन-सम्बंधी (ईएसजी) चिंताएं हमारे मूल्यों में निहित हैं और स्थायी भविष्य के लिये हमारी अटल प्रतिबद्धता दर्शाती हैं। ग्रेटर नोएडा का स्वच्छता केन्द्र सेग्रीगेशन और कलेक्शन के एक मॉडल को बढ़ावा देता है, संसाधनों के इस्तेमाल को बेहतर बनाता है और सफाई साथियों तथा शहर की सेहत और आजीविका में वृद्धि करता है। हमें विश्वास है कि यह सूखे कचरे को बेहतर तरीके से मैनेज करने में शहर की मदद करेगा और नॉन-बायोडिग्रेडेबल एवं हानिकारक अपशिष्ट से पर्यावरण की रक्षा करेगा।”
बैंक लो-कार्बन इकोनॉमी की ओर बढ़ने के लिए सरकार के सभी मिशन और पहलों से जुड़ा हुआ है। बैंक ने अपनी ईएसजी रणनीति के अंतर्गत पर्यावरण की सुरक्षा को एक बड़ा फोकस एरिया माना है। इसने अपने उत्सर्जन, ऊर्जा और पानी की खपत को कम करते हुए वर्ष 2031-32 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य तय किया है। बैंक उन प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहित करता है और उनमें निवेश करता है, जो कार्बन फुटप्रिंट कम करते हैं। बैंक जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय जोखिमों का सामना करने में समुदायों को सहयोग भी देता है ताकि वे अपनी लोचशीलता को बढ़ा सकें।
ग्रेटर नोएडा में नया स्वच्छता केन्द्र हर महीने 200 से 300 मेट्रिक टन सूख कचरा रिकवर करेगा। एमओयू पर हस्ताक्षर के समय ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ श्री नरेन्द्र भूषण, एचडीएफसी बैंक के ब्रांच बैंकिंग हेड श्री अखिलेश कुमार रॉय, और यूएनडीपी इंडिया के प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम के प्रोजेक्ट मैनेजर और ऑफिसर इन चार्ज श्री श्रीकृष्ण बालाचंद्रन मौजूद थे।
ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ नरेन्द्र भूषण ने कहा, “कचरे का प्रभावी और स्थायी प्रबंधन किसी भी स्मार्ट सिटी की पहली जरूरत होती है। ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी ग्रेटर नोएडा में अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर लाने और उसके निवासियों के रहन-सहन के स्तर को सुधारने के लिये प्रतिबद्ध है। इस एमओयू पर हस्ताक्षर करना इसी विचार के अंतर्गत है।”
यूएनडीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर और ओआईसी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम, श्री श्रीकृष्ण बालाचंद्रन ने कहा, “यूएनडीपी का प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम एक अनोखा प्रयास है। यह देश में कचरे के प्रबंधन के एक स्थायी मॉडल के प्रदर्शन के लिये वेस्ट वैल्यू चेन के सभी साझीदारों को एक साथ लाता है। हम अंतर को भरकर और वेस्ट कलेक्टर्स से लेकर रिसाइकलर्स तक प्लास्टिक रिसाइक्लिंग वैल्यू चेन के खिलाड़ियों को जोड़कर प्लास्टिक्स पर एक चक्रीय अर्थव्यवस्था बनाते हैं।‘’
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