घुटने का जोड़ बदलने वाली नी रिप्लेसमेंट सर्जरी मरीज की जीवन की गुणवत्ता सुधारने वाली प्रमुख सर्जरी है लेकिन जब यह फेल हो जाती है तो मरीज को इसके दर्दनाक परिणाम भुगतने पड़ जाते है। फेल सर्जरी को ठीक करने के लिए रिवीजन जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है जोकि काफी जटिल होती है। ऐसा ही एक केस रुक्मणि बिरला हॉस्पिटल में हुआ जिसमें सीनियर जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड अर्थ्रोस्कोपी सर्जरी डॉ. अरुण परतानी ने पूर्व में किसी अन्य अस्पताल में कराई गई जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के फेल होने पर मरीज की दोबारा सर्जरी कर कृत्रिम जोड़ लगाया एवं डिफेक्ट को भरने के लिए एक्स्ट्रा मेटल के वैज लगाए गए ।
डॉ. अरुण परतानी ने बताया कि ऐसे मामलों में रिवीजन सर्जरी की बेहतर प्लानिंग तैयार करने की आवश्यकता होती है क्योंकि हमें पहली सर्जरी के फेल होने के सभी कारणों का ध्यान रखते हुए कृत्रिम जोड़ के आस-पास के खराब टिश्यु,ऑस्टियोपोरोटिक हड्डियों और भविष्य में संक्रमण न हो, इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। साथ ही, रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद भी मरीज के चलने में असमर्थ होने के कारण वह मानसिक रूप से भी काफी प्रभावित हो गई थी और रिवीजन सर्जरी के परिणामों को लेकर संशय में थी। ऐसे में हमने मरीज और उनके परिजनों की बेहतर काउंसिलिंग करके उन्हें रिवीजन सर्जरी के बारे में आश्वस्त किया।
सर्जरी से पहले हमने मरीज को संक्रमण से बचाने के लिए सभी जरूरी ब्लड टेस्ट किये और सीटी स्कैनोग्राम कर यह स्पष्ट किया कि जोड़ में लगे तीनों हिस्से अच्छे से सेट हैं और उन्हें बनाए रखा जा सकता है या नहीं। सर्जरी के दौरान हमने कम से कम टिश्यु और हड्डी के नुकसान के लिए पिछले कृत्रिम जोड़ को सावधानीपूर्वक हटा दिया। संक्रमण से बचने के लिए टिश्यु बढ़ाए गए, नुकसान की बारीकी से पड़ताल की गई और जोड़ में बेहतर संतुलन के लिए इंट्रा मेडुलरी रॉड लगाई गई। सर्जरी के बाद मरीज घुटने पर पूरा वजन डालकर चलने लगी। इसके अलावा हमने मरीज के नी में हुए गड्ढे को भरने के लिए वैज (फिलर) का उपयोग किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हम विगत लम्बे समय से टोटल नी रिप्लेसमेंट के केसेज में अच्छे परिणाम दे रहे हैं और यही कारण है कि लोगों का रुकमणि बिरला हॉस्पिटल के प्रति विश्वास और अधिक बढ़ा है।
डॉ. अरुण ने कहा कि हम काफी समय से टोटल नी रिप्लेसमेंट कर रहे हैं लेकिन रिवीजन टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करना अपने आप में काफी जटिल प्रोसिजरहै। मरीज अगर अपनी फेल हुई सर्जरी को ठीक कराने के लिए हमारे पास आता है तो यह उसका हमारे प्रति विश्वास दर्शाता है। सर्जरी में डॉ. हितेश जोशी, कमलेश, फीजियो व एनेस्थीसिया टीम का काफी सहयोग रहा।
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