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“ऑल-इनसाइड” अर्थ्रोस्कोपी टेक्नीक सर्जरी की शुरुआत

किसी भी एथलीट के लिए लिगमेंट की चोट उसके खेल कैरीअर को तबाह कर सकती है । अक्सर लिगमेंट की ऐसी चोटों के लिए अर्थ्रोस्कोपी (दूरबीन) शल्य क्रिया ही एक चिकित्सा विधि है जो उन्हें स्पोर्ट्स में वापसी करवा सकती है।

लिगमेंट्स की चोट के लिए आर्थ्रॉस्कॉपिक लिगमेंट रीकन्स्ट्रक्शन ( पुनर्रनिर्माण ) एक सफल शल्य तकनीक है । इस ऑपरेशन के बाद खिलाड़ी पुनः दैनिक दिनचर्या कर सकते हैं लेकिन क़रीब 40- 60 प्रतिशत खिलाड़ी स्पोर्ट्स वापसी में चोट लगने के पहले के स्तर पर नहीं पहुँच पाते।

सी के बिरला हॉस्पिटल, जयपुर के ओर्थोपेडिक विभाग के डायरेक्टर डॉ आशीष के शर्मा ने हाल ही में “ऑल इन्साइड आर्थ्रॉस्कॉपिक ए सी एल सर्जरी” की शुरुआत की और दो खिलाड़ियों की लिगमेंट की स्पोर्ट्स इंजरी को इस विघि से ठीक करने में सफलता पायी ।

“ऑल इन्साइड” आर्थ्रॉस्कॉपिक ए. सी. ऐल. लिगमेंट्स पुनर्निर्माण एक नई शल्य क्रिया है जो खिलाड़ियों को उन्हें चोट से पूर्व के खेल स्तर में लौटाने में ज़्यादा सफल पायी गयी है ।

“ऑल इन्साइड” तकनीक में पारम्परिक विधि की बजाय लम्बे बोन टनल नहीं बनाने पड़ते, और मात्र एक टेंडन ही यूज़ होता है, जिसकी वजह से दर्द भी नहीं के बराबर होता है । सिंगल टेंडन तकनीक होने की वजह से पैर की हैम्स्ट्रिंग मांसपेशी में पावर कम नहीं होती – जिससे खिलाड़ियों को जम्पिंग में और रेस की शुरुआत में पुश-ऑफ़ या टेक-ऑफ़ में स्ट्रेंन्थ में कमी महसूस नहीं होती।

इस विधि में दर्द भी कम होता है, रीकवरी भी जल्दी होती है और स्पोर्ट्स में वापसी भी बेहतर होती है। साथ ही भविष्य में यदि कोई रीविज़न सर्जरी की आवश्यकता पड़े तो बोन स्टॉक बरकरार रहता है और ये आसानी से सम्भव है ।