जयपुर का सीके बिड़ला हॉस्पिटल दुर्लभतम चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रिम पक्ति में शुमार हो गया है। यहां हाल ही एक साथ दोनों हिप रिप्लेशमेंट किए गए वह भी एक बुजुर्ग महिला के जो संभवत राजस्थान में अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है।
गुरूग्राम (दिल्ली) में रहने वाली 65 वर्षीय उषा व्यास अपने हिप्स के भीषण दर्द से काफी परेशान थी तथा अपने दैनिक कार्यो के लिए दूसरों पर आश्रित थी, वे अपनी इस बीमारी के इलाज के लिए कई अस्पतालों के चक्कर और पेन किलर्स का इस्तेमाल कर चुकी थी, लेकिन उन्हें दर्द से राहत नहीं मिल पा रही थी। अस्पतालों में उनसे यही कहा जाता था कि दोनो हिप्स एक साथ रिप्लेस नहीं किए जा सकते, एक के बाद एक करके इन्हें रिप्लेस किया जाएगा।
अपने किसी परिचित के कहने पर वे जयपुर आईं और यहां के चिकित्सकों से सम्पर्क किया, लेकिन सभी का यही जवाब था। इस पर वे सीके बिड़ला अस्पताल आईं और यहां के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आशीष शर्मा से सम्पर्क किया। डॉ. शर्मा ने महिला का पूरा निदान और एक्सरे करने पर पाया कि वे रहूमटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) से पीड़ित हैं और यह रोग आगे जा कर उनके लिए और परेशानी का सबब बन सकता है। सारे परीक्षण के बाद डॉ. शर्मा ने दोनों हिप्स एक साथ रिप्लेस करने का निर्णय किया। आम तौर पर युवा अवस्था में दोनों हिप्स एक साथ बदले जा सकते हैं, लेकिन 65 साल की उम्र में इन्हें एक साथ बदला जाना काफी रिस्की होता है।
इस पर डॉ. शर्मा और उनकी टीम ने सर्जरी की पूरी तैयारी कर ली और महिला का एन्टीरिय एप्रोच तकनीक से हिप रिप्लेसमेंट की तैयारी की। करीब 3 घंटे चले इस प्रोसिजर के बाद महिला को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। इसके दूसरे ही दिन अस्पताल की फिजियो थिरेपिस्ट ने उषा जी को वॉकर की मदद से वॉक करवाई और चौथे दिन वे जब स्वयं बिना किसी सहायता के चलने लगी तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी देदी गई।
अब उषा व्यास अपने घर पर हैं तथा अपने दैनिक कार्य स्वयं बिना किसी की सहायता के कर रहीं हैं। उन्होंने इस सफल सर्जरी पर डॉ. शर्मा और सीके बिड़ला हॉस्पिटल के स्टाफ के सहयोग के लिए आभार जताया।
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