व्यस्त लाइफस्टाइल, डेडलाइंस पर काम पूरा करने की मजबूरी और काम के अनियमित घंटों के कारण लोगों में पोषक-तत्वों का सेवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसलिये लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियाँ, जैसे डायबीटीज, हाइपरटेंशन, आदि बढ़ रही हैं और अब कुछ कठोर तथ्यों को जानने का समय आ गया है!
इंडियन मार्केट रिसर्च ब्यूरो (आईएमआरबी) ने भारत के लोगों में प्रोटीन की कमी और प्रोटीन पर जागरूकता का पता लगाने के लिये एक नया सर्वे किया है। यह सर्वे बताता है कि शहरों में रहने वाले 73% धनी लोगों में प्रोटीन की कमी है और उनमें से 93% लोगों को यह जानकारी नहीं है कि उन्हें रोजाना कितने प्रोटीन की जरूरत है!
यह सच है कि शहरी लोग एनिमल प्रोटीन के स्रोत के रूप में पॉल्ट्री प्रोडक्ट्स खा रहे हैं, फिर भी भारत में पॉल्ट्री मीट प्रोडक्ट्स का सेवन दुनिया में सबसे कम में से एक है। पॉल्ट्री के मामले में यह प्रति व्यक्ति 4 किलोग्राम से कम है, जबकि अन्य विकसित देशों में प्रति व्यक्ति सेवन 40 किलोग्राम तक है!
इसलिये, हमारी डाइट में प्रोटीन जैसे अनिवार्य घटक को शामिल करने की जरूरत पर जागरूकता निर्मित करने के लिये हर साल 24 से 30 जुलाई तक प्रोटीन वीक मनाया जाता है।
व्यक्ति की डाइट में प्रोटीन को शामिल करने का महत्व समझाते हुए, प्रमुख न्यूट्रीशनिस्ट सुश्री ऋतिका समद्दर ने कहा, ‘’प्रोटीन जिन्दगी की इमारत को बनाने वाली ईंट है और शरीर की हर कोशिका में मौजूद है। वृद्धि, विकास और बीमारियों से लड़ने के लिये प्रोटीन महत्वपूर्ण है। एक औसत भारतीय वयस्क के लिये प्रोटीन का आरडीए शरीर के प्रति किलोग्राम वजन के लिये 0.8 से 1.0 ग्राम तक होता है। इस प्रकार एक स्वस्थ वयस्क के लिये यह प्रतिदिन लगभग 50 से 60 ग्राम हो जाता है। इस पर जागरूकता पैदा करने की जरूरत है कि हमारे स्वास्थ्य के लिये प्रोटीन का क्या महत्व है, उसका कितना सेवन करें और हमारी डाइट में प्रोटीन के स्रोत क्या हैं। भारत के लोग केकड़ा बहुत पसंद करते हैं। बतौर एक देश, हम जरूरत से ज्यादा स्टार्च और वसा का सेवन करते हैं, लेकिन प्रोटीन का पर्याप्त सेवन नहीं करते हैं और इसके कई कारण हैं।‘’
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