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बीडी ने शुरू किया ‘चूज़ टू कंफर्म’ अभियान

हर्निया का उपचार सबसे सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाओं में से एक है और भारत में हर वर्ष 10 लाख से अधिक लोगों के हर्निया का ऑपरेशन किया जाता है। ऐसे
समय में जब मरीज कोविड-19 महामारी के कारण अपने स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं तब सीके बिरला अस्पताल, जयपुर के वरिष्ठ सामान्य और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ विपिन जैन ने एनाटोमिकल त्रिविमीय मैश का उपयोग करके इंग्वाइनल हर्निया के उपचार के महत्व पर जोर देने के लिए ‘ चूज़ टू कंफर्म’ अभियान की शुरुआत की है। बीडी का ‘चूज़ टू कंफर्म’ अभियान हर्निया रिपेयर के लिए उपलब्ध एडवांस्ड सॉल्यूशन के महत्व पर रोगी की जागरूकता को बढ़ाएगा जिसका मुख्य लाभ सर्जरी के बाद होने वाले दर्द में कमी, कम रिकवरी अवधि और सर्जरी के बाद मामूली-सा निशान पड़ना हैं।

हर्निया के सही समय पर उपचार के बारे में बताते हुए, डॉ विपिन जैन कहते हैं, कि “हर्निया गैर-लक्षणों वाला रोग है और इसके कारण रोगियों को कोई समस्या नहीं होती है। इसीलिए इसका पता कुछ देरी से चलता है जिसके परिणामस्वरूप गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। रोगी-भाव और मृत्यु-संख्या के कारण, रद्द या विलंबित वैकल्पिक सर्जरी के अनपेक्षित परिणाम और गंभीर नुकसान हो सकते हैं।” उन्होंने कहा कि “वैकल्पिक सर्जरी, वैकल्पिक नहीं बल्कि गैर-जरूरी सर्जरी हैं। हालांकि, ‘चूज़ टू कंफर्म’ अभियान के माध्यम से, हम रोगियों को एडवांस्ड सॉल्यूशन का उपयोग करके सही समय पर उपचार प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते।

बीडी-इंडिया/साउथ एशिया के प्रबंधक निदेशक पवन मोचेरला ने कहा है कि “जागरूकता, बेहतर रोगी परिणाम पाने के लिए सही इलाज खोजने की दिशा में पहला कदम है। भारत में, हर्निया तेजी से बढ़ने वाली एक आम समस्या है लेकिन फिर भी बहुत ज़्यादा नजरअंदाज की जाने वाली एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसके लिए रोगी को बहुत अधिक जागरूक होने की ज़रूरत है। हमें बीडी का ‘चूज़ टू कंफर्म’ अभियान पेश करके बहुत खुशी हो रही है, जो मरीजों को हर्निया के इलाज के लिए उपलब्ध नवीनतम समाधानों के बारे में बताता है।