ऑयल और फैट्स का इस्तेमाल एनर्जी लेने और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिये रोजाना खाना पकाने की तैयारी में होता है। इन फैट्स के सोर्स के तौर पर विभिन्न ऑयलसीड्स, वनस्पति तेलों और एनिमल फैट्स का इस्तेमाल होता रहा है। इनमें से पाम ऑयल ऐतिहासिक रूप से दुनिया में सबसे आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली फैट्स में से एक रहा है।
कोडेक्स एलिमेंटेरियस, फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पाम ऑयल खाने योग्य उन 17 तेलों में से एक है, जो मानवों द्वारा उपभोग के लिये उपयुक्त हैं। पाम ऑयल में 50% सैचुरेटेड फैटी एसिड्स (एसएफए), 40% मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (एमयूएफए) और 10% पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (पीयूएफए) होते हैं।
मनुष्यों पर हुए कई अध्ययनों ने भी बताया है कि टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल पर पाम ऑयल का प्रभाव उदासीन होता है, जिसकी तुलना अनसैचुरेटेड ऑइल्स से की जा सकती है। पाम ऑयल को ऑलिव ऑयल के विकल्प के तौर पर सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि यह हृदय के स्वास्थ्य को ऑलिव ऑयल जैसे ही फायदे देता है। इसकी ऑक्सीडेटिव स्टेबिलिटी पॉलीअनसैचुरेटेड से प्रचुर ऑइल्स की तुलना में ज्यादा होती है और यह प्राकृतिक रूप से
हानिकारक ट्रांस-फैटी एसिड्स से मुक्त होता है।
मलेशियन पाम ऑयल काउंसिल के सीईओ, डाटो डॉ. एचजे वान ज़ावावी वान इस्माइल ने कहा, ‘’हमारा मुख्य लक्ष्य है पाम ऑयल पर समझ को बेहतर बनाना, इसके इस्तेमाल को बढ़ाना, और इसकी अनगिनत खूबियों और फायदों को स्पष्ट करना। हम भारत में अपनी भागीदारियों के माध्यम से भारतीय वनस्पति तेल के सेक्टर में मलेशियन पाम ऑयल की भूमिका पर जागरूकता निर्मित करना चाहते हैं। हमारी इच्छा है बाजार के कवरेज, पोषण सम्बंधी फायदों, पर्यावरणीय स्थिरता और वाणिज्यिक सफलता के संदर्भ में मलेशियन पाम ऑयल को सबसे प्रभावशाली वनस्पति तेल के रूप में संरक्षित करना।‘’
मलेशियन सस्टेनेबल पाम ऑयल (एमएसपीओ) सर्टिफिकेशन स्कीम, मलेशिया की एक राष्ट्रीय योजना है। इस योजना के अंतर्गत एमएसपीओ के मानकों के अनुसार तेल वाले पाम की खेती, स्वतंत्र और संगठित छोटे स्तर की खेती और पाम ऑयल की प्रोसेसिंग करने वाली सुविधाओं का प्रमाणन होता है। एमएसपीओ प्रमाणन का कार्यान्वयन अनिवार्य होना स्थिरता वाले मलेशियन पाम ऑयल के उत्पादन के लिये मलेशिया की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
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