इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली‘ इस बात की प्रतिध्वनि है कि यह उचित समय है कि मनुष्य अपने पर्यावरण को दुरूस्त करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए। पृथ्वी पर सभी प्रकार के जीवन का अस्तित्व बनाए रखने में मददगार पारिस्थितिक तंत्रों को बहाल करने की जितनी जरूरत आज है उतनी कभी नहीं थी। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जीका), कई परियोजनाओं में सहयोग के माध्यम से, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर अंकुश लगाकर सकारात्मक बदलाव में योगदान देना जारी रखना चाहती है। जीका, स्वच्छ ऊर्जा, परिवहन और बुनियादी ढांचे तथा जलवायु परिवर्तन के अनुरूप खुद को ढालने वाले समाजों में सक्रिय रूप से निवेश करना भी जारी रखना चाहती है। ये कुछ ऐसे उपाय हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में योगदान कर सकते हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, जीका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि, श्री कात्सुओ मात्सुमोतो ने कहा, “आज, दुनिया भर के देश और व्यवसाय पेरिस समझौते के तहत निर्धारित कई महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के अपने रोडमैप के हिस्से के रूप में स्थायी समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले एक दशक से अधिक समय से, भारत समर्पित रूप से खुद को एक ऊर्जा कुशल राष्ट्र के रूप में विकसित कर रहा है। ऊर्जा, परिवहन और वानिकी परियोजनाओं में जीका का निवेश और पहल, स्थायी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत की मदद करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जीका का उद्देश्य पर्यावरण की बहाली में मदद करना है ताकि भारत मौजूदा स्थिति से प्रभावी ढंग से लड़ने में सक्षम हो।
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